लोग #Bnate गए हम बनते गए, कभी खिलौना कभी #Tamasha कभी मजाक।
#Khamoshi बड़ी बेरहम है गालिब, हंसते – मुस्कुराते शख़्स को #Zinda खा जाती है।
हम एक #Bar नहीं बार-बार मारें गए, हमें #Junun चढ़ा था किसी पे मरने का।
#Tum तो समझे नहीं, फिर हमने खुद को ही #Samjha लिया।
एक तुम्हें ही देखने की #Chah,। तन्हा रखती है ख्यालों की #Bhid में भी
मैं कि काग़ज़ की एक #Kashti हूँ, पहली बारिश ही #Akhiri है मुझे।