Humsafar Shayari : हमसफर शायरी हिन्दी
#Safar पर निकले थे हमसफर से #Mulakat हो गयी... जमाना कहता है #Ishq जिसे तुमसे #Whi बात हो गयी ...!!
#Bina कहे ही तूने मुझे सब कुछ दे दिया है... आंखों से #Anshu और दिल से सारा #Dard ले लिया है...!!
#Beshaq मुझमें कोई कमी नही है... पर शायद हम #Hamsafar ही नही है...!!
लेता जा #Sath जिंदगी बिताने का #Wada... तेरे साथ जाने वाली #Tanhai ही हम सफर है मेरा ...!!
फिरते हैं कब से #Darbar अब इस नगर अब उस नगर एक दूसरे के #Hamsafar मैं और मेरी आवारगी ...!!
#Muddaton के बाद कोई हमसफर अच्छा लगा... गुफ़्तगु #Achhi लगी ज़ौक़-ए-नज़र अच्छा लगा...!!
#Rah भी तुम हो राहत भी तुम ही हो मेरे सुख और #Dukh को बांटने वाली #Hansafar भी तुम ही हो ...!!