एक युवक के आत्मज्ञान की कहानी । The story of a young man’s enlightenment.

एक युवक के आत्मज्ञान की कहानी
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आज की कहानी का शीर्षक है “एक युवक के आत्मज्ञान की कहानी”। ज्ञान प्राप्त करना हर व्यक्ति की संभावना है लेकिन हमें बस जरूरत है, थोड़ी-सी सजगता की । यदि हम सजग रहे तो हम किसी भी बात की गहराई को ढंग से समझ सकते हैं ।

एक युवक के आत्मज्ञान की कहानी

एक बार की बात है, एक युवक एक संन्यासी के पास पहुँचा । उसने उन्हें प्रणाम किया और पूछने लगा ।
गुरुजी मैं एक सांसारिक मनुष्य हूंँ । क्या ज्ञान प्राप्ति के लिए वेदों का अध्ययन करना जरूरी है? मैंने वेद पढ़ने की कोशिश की थी लेकिन मेरी सांसारिक बुद्धि उसे ग्रहण नहीं कर पाई । आप मुझे बताइए, मैं किस प्रकार ज्ञान प्राप्त करूँ ?

सन्यासी बोले- ज्ञान की प्राप्ति उसे होती है, जो आत्मा का अध्ययन करता है । मन की आँखों से देखो तो हर तरफ ज्ञान ही ज्ञान है।

युवक बोला- मैं यही तो बोलना चाहता हूंँ गुरुजी । मुझे इस प्रकार की भारी-भरकम बातें समझ नहीं आती, तो मैं कैसे ज्ञान प्राप्त करूँ ?
सन्यासी बोले- ठीक है तुम सांसारिक मनुष्य हो ना । तो मैं तुम्हें एक कार्य देता हूंँ किंतु इस कार्य को करते वक्त तुम बस सजग रहना ।

युवक बोला- हाँ, गुरुजी यह आपने बिल्कुल ठीक उपाय निकाला। आप मुझे बताइए क्या कार्य करना है ?

सन्यासी ने बगल में रखे एक झोले में से एक मिट्टी का खूबसूरत कबूतर निकला, जिसके ऊपर बहुत सुंदर कलाकृतियां बनी हुई थी ।

सन्यासी बोले- तुम्हें इस कबूतर की गर्दन को तोड़ना है ।

युवक बोला- बस, गुरुजी यह तो बहुत आसान कार्य है । आप मुझे दीजिए, मैं अभी इसी वक्त कबूतर की गर्दन को तोड़ देता हूंँ ।
सन्यासी बोले- तुम्हें इस कबूतर की गर्दन तोड़नी है, लेकिन उस वक्त जब तुम्हें कोई भी देख ना रहा हो ।

युवक बोला- यह तो बड़ा ही आसान कार्य हैं, मैं तो इसे जल्द ही कर दूँगा ।
ऐसा कहकर वह युवक वहाँ से चला गया ।

युवक जैसे ही आश्रम से बाहर निकाला, वहाँ पर बहुत सारे लोग थे इसलिए उसने सोचा यहाँ कार्य करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है। फिर उसने सोचा मैं घर पर भी ले जाकर इसे नहीं तोड़ सकता, वहाँ पर कोई ना कोई हमेशा मौजूद होगा ।
उसने सोचा मैं जंगल की तरफ निकल जाता हूंँ, वहाँ तो कोई मुझे देखने वाला नहीं है। वह जंगल की ओर निकल गया ।

जंगल पहुँचते ही, वह कबूतर की गर्दन तोड़ने ही वाला था कि वह देखता है पेड़ों पर बहुत सारे पक्षी है । वह सोचता है अरे ! मुझे यह पक्षी तो देख रहे हैं, ऐसा करता हूंँ झाड़ियों के पीछे चला जाता हूंँ, वहाँ कोई पक्षी मुझे नहीं देख पाएगा। उसने ऐसा ही किया झाड़ियों के पीछे चला गया, लेकिन वहाँ देखता है कि बहुत सारे कीड़े-मकोड़े कीट पतंगे हैं । वह फ़िर सोच में पड़ जाता है यहाँ तो मुझे ये कीड़े-मकोड़े देख लेंगे, अब मैं कहाँ जाऊँ ।

बहुत ढूंढने के बाद वह एक ऐसी जगह जाता है ना उधर कोई जानवर होता है, ना पक्षी, ना कोई कीट पतंगा । वह अब निश्चिंत हो जाता है और कहता है अब मैं यह कार्य कर सकता हूंँ । पर गुरुजी ने कहा था बड़ी सजगता से करना, इसलिए वह कुछ देर रुकता है और रुकने के बाद उस कबूतर की तरफ देखता है । वह सोचता है इस कबूतर की आँखें तो मुझे देख रही है, वह कबूतर की आँखों पर हाथ रख देता है । फिर वह सोचता है मेरी आँखें तो उस कबूतर को देख रही है, फिर वह अपनी आँखें भी बंद कर लेता है ।

वह सोचता है अब तो कोई भी समस्या नहीं है । अब मुझे कबूतर की गर्दन तोड़ ही देनी चाहिए । फिर वह सोचता है, भले मेरी आँखें बंद है पर मुझे तो पता चल रहा है । मेरी अंतरात्मा तो जानती है, मैं क्या कर रहा हूँ ।
ऐसा जानकर वह कबूतर लेकर गुरु जी के पास वापस पहुँच जाता है ।

युवक बोला- गुरुजी मैं असफल हो गया । मैं आपका दिया हुआ कार्य नहीं कर पाया । इस कबूतर की गर्दन तोड़ते हुए, मुझे कोई नहीं देख रहा था लेकिन मैं स्वयं जान रहा था कि मैं देख रहा हूँ ।

सन्यासी बोले- युवक! इसी को तो आत्मज्ञान कहते हैं । जब आपको खुद पता चले कि आप क्या कर रहे हो, उसी को सजगता कहते हैं ।
आत्मज्ञान कोई मुश्किल विधि नहीं है । बस यही है खुद को पूरी ईमानदारी के साथ देखना जैसे हो वैसे देखना । जो व्यक्ति निष्पक्ष भाव से अपनी आत्मा को देखना जानता है, असल में वही आत्मज्ञान को जान सकता है ।

युवक बोला – धन्यवाद गुरुजी! आपने तो मेरी समस्या ही हल कर दी । मैं इतने वक्त से आत्मज्ञान के लिए भटक रहा था, लेकिन मैंने कभी अपने भीतर झांक कर नहीं देखा । खुद के विचारों को ठीक प्रकार से जानना ही आत्मज्ञान है । ऐसा कहकर युवक ने सन्यासी का आभार व्यक्त किया ।

इस कहानी के माध्यम से हम आपको बताने का प्रयास कर रहे है, कि हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में भी सज़ग नहीं होते। हम मन ही मन खुद को बेवकूफ बना रहे होते हैं । लेकिन हमारे भीतर कभी वह सजगता नहीं आती, कि हम खुद का सामना कर सके। खुद को बिल्कुल निष्पक्ष तरीके से देख सके । यदि हम हमेशा जागरूक रहे , तो हम बहुत सारी परेशानियों को खुद से दूर रख पाएँगे ।

उम्मीद करते हैं आपको हमारी प्रेरणादायक कहानी “एक युवक के आत्मज्ञान की कहानी” पसंद आयी होगी । आप हमें social media पर भी follow कर सकते हैं CRS SquadThink Yourself और Your Goal


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