महाभारत युद्ध में धृतराष्ट्र के 100 पुत्र मारे गए थे पर क्या आप जानते हैं की धृतराष्ट्र का एक पुत्र महाभारत युद्ध के पश्चात भी जीवित बच गया था | वो पुत्र कौन था और पांडवों ने उसे क्यों नहीं मारा जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़े|
महाभारत में धृतराष्ट्र की कुल संतान 102 थी जिनमें 101 पुत्र और 1 पुत्री शामिल थी |
धृतराष्ट्र को दिखाई नहीं देता था इसलिए जब गांधारी गर्भवती थी तब धृतराष्ट्र की सेवा आदि कार्य करने के लिए एक दासी रखी गई थी जिसका नाम सुखदा था । धृतराष्ट्र ने उस दासी से सहवास कर लिया जिसके फलस्वरूप दासी भी गर्भवती हो गई। उस दासी से एक पुत्र का जन्म हुआ जिसका नाम युयुत्सु रखा गया। चुकि युयुत्सु धृतराष्ट्र के पुत्र थे इसलिए उन्हें राजकुमार जैसा सम्मान, शिक्षा और अधिकार मिला।
धृतराष्ट्र का कौनसा पुत्र महाभारत युद्ध के बाद भी जीवित बच गया था?
युयुत्सु एक दयालु व्यक्ति था और उसे सत्य असत्य का अंतर पता था, इसलिए वो दुर्योधन की अनुचित चालाकियों को बिल्कुल पसन्द नहीं करता था और उनका विरोध भी करता था।
युद्ध प्रारम्भ होने से ठीक पहले युधिष्ठिर ने कौरव सेना को सुनाते हुए घोषणा की जिस किसीको भी लगता हो की मेरा पक्ष अधर्म का है वो दुर्योधन के पक्ष में जा सकता हैं और किसीको लगता हो की मेरा पक्ष धर्म का है और जो धर्म के लिए लड़ना चाहते हैं, वे अभी भी मेरे पक्ष में आ सकते हैं। मैं उसका स्वागत करूंगा।
इस घोषणा को सुनकर केवल युयुत्सु कौरव पक्ष से निकलकर आया और पांडव के पक्ष में शामिल हो गया। युधिष्ठिर ने गले लगाकर उसका स्वागत किया। युयुत्सु के पांडव सेना में शामिल होने के कारण पांडवों के पास युयुत्सु को मारने का कोई कारण था ही नहीं क्योंकि वो तो उन्हीं के पक्ष से युद्ध कर रहे थे और युद्ध के अंत में पांडवो की विजय के साथ युयुत्सु ही धृतराष्ट्र का पुत्र था जो महाभारत युद्ध के बाद भी जीवित बचा | आप हमारे Blog को Youtube Channel पर भी सुन सकते हैं, Channel Name : Your Goal
1 thought on “धृतराष्ट्र का कौनसा पुत्र महाभारत युद्ध के बाद भी जीवित बच गया था?”
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