स्वर्ग भेजने की अनोखी कहानी | Akbar Birbal Moral Stories in Hindi No 3

Akbar Birbal Moral Stories in Hindi No 3 - स्वर्ग भेजने की अनोखी कहानी
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Akbar Birbal Moral Stories in Hindi : बीरबल अकबर के प्रिय थे इस वजह से अकबर के अन्य मंत्रीगणों को जलन होती थी और वे सब बीरबल को रास्ते से हटाना चाहते थे । इसके लिए वे अलग अलग योजनाएं बनाते ही रहते थे ।

एक बार की बात हैं जब बादशाह अकबर अपने महल के बाहर बगीचे में बैठकर नाई से बाल कटवा रहे थे । तभी वहां पेड़ पर एक कौआ आकर बैठ गया और काँव काँव करने लगा । तो बादशाह ने नाई से पूछ लिया कि ये कौआ इतना काँव काँव क्यों कर रहा हैं ? इस पर नाई ने जवाब दिया ये कौआ आपके पूर्वजों का हाल चाल बताने आया हैं !

कौवें की काँव काँव करने की वज़ह – Akbar Birbal Ki Kahani

बादशाह अकबर ने उत्सुकता से पूछा तो बताओ कि ये कौआ मेरे पूर्वजों के बारे में क्या कह रहा हैं ? नाई ने जवाब दिया कि आपके पूर्वज स्वर्ग में हैं और उन पर एक बहुत बड़ी मुसीबत आ गयी हैं । उस मुसीबत के हल के लिए आपको किसी ऐसे बुद्धिमान व्यक्ति को स्वर्ग भेजना होगा जो आपके पूर्वजों को मुसीबत से बाहर निकाल सकें ।

अकबर ने नाई से फिर पूछा कि भला किसी ज़िंदा इंसान को स्वर्ग कैसे भेजा जा सकता हैं ? नाई ने कहा मैं एक ऐसे साधू को जानता हूँ जो ज़िंदा इंसान को स्वर्ग भेज सकता हैं, मैं कल उसे महल में ले आऊंगा । आप तो बस उस बुद्धिमान इंसान का चुनाव करें जो स्वर्ग में आपके पूर्वजों को मुसीबत से निकाल सकता हैं ।

नाई की बातों का विश्वास करके अकबर ने तुरंत राजसभा बुला ली । और जब सबसे बुद्धिमान इंसान की बात आयी तो सभी मंत्रीगणों ने कहा की बीरबल से ज्यादा बुद्धिमान इस राजसभा में तो क्या पुरे राज्य में कोई नहीं हैं । अकबर को भी इस बात में कोई संदेह नहीं था । अकबर ने बीरबल को स्वर्ग जाने के लिए चुन लिया और बीरबल भी स्वर्ग जाने के लिए मान गए ।

स्वर्ग जाने की विधि – Akbar Birbal Moral Stories in Hindi

उसी समय अकबर का नाई, एक साधू को लेकर राजसभा में आ गया । नाई ने बादशाह अकबर से कहा कि यहीं वे महान साधू बाबा हैं जो अपने मंत्रों से ज़िंदा इंसान को स्वर्ग भेज सकते हैं । बीरबल ने साधू को प्रणाम किया और स्वर्ग भेजने की प्रक्रिया पूछने लगा । इसपर साधू ने कहा सबसे पहले एक घास का ढ़ेर लगाया जायेगा, उस घास के ढेर में आपको जाना होगा । इसके बाद उस घास के ढेर में आग लगा दी जाएगी । आग के जलने के साथ साथ चमत्कारी मंत्र पढ़े जायेंगे जिससे की आप स्वर्ग में जा सकें ।

सारी विधि समझकर बीरबल ने अकबर से इच्छा ज़ाहिर कि की, “मुझे पता नहीं स्वर्ग में जाकर आने में कितना समय लग जाये इसलिए मैं स्वर्ग जाने से पहले अपने परिवार से मिलना चाहता हूँ, उनके साथ थोड़ा समय बिताना चाहता हूँ ! ” यह कहते हुवे बीरबल ने अकबर से 15 दिनों का समय माँगा । साधू को 16वें दिन के लिए निश्चित कर लिया जाता हैं ।

स्वर्ग जाने का दिन – Moral Stories in Hindi for kids

बीरबल अपने घर चला जाता हैं । धीरे धीरे समय गुजरता हैं और 15 दिन पुरे हो जाते हैं । 16वें दिन बीरबल और साधू महल में अकबर के सामने हाज़िर हो जाते हैं । महल के बाहर कुछ दूर एक जगह देखकर वहां घास का ढेर लगा दिया जाता हैं । बीरबल उस घास के ढेर में चला जाता हैं । इसके बाद साधू उसमें आग लगाकर कुछ मंत्र बड़बड़ाने लगता हैं । घास पूरी तरह जल जाने के बाद साधू कहता हैं बीरबल को स्वर्ग भेजने की विधि पूरी हो चुकी हैं, अब वह स्वर्ग पहुंच गया हैं ।

बीरबल की स्वर्ग से वापसी – Stories in Hindi

समय गुजरता गया और देखते ही देखते तीन महीने बीत गए । बादशाह अकबर को चिंता होने लगी, उसी समय बीरबल राजसभा में आ पंहुचा । बीरबल को वहां देखकर सभी मंत्रीगण चौंक गए । बीरबल को देखकर अकबर को बड़ी ख़ुशी हुई । अकबर ने बीरबल से पूछा, “क्या तुमने मेरे पूर्वजों को मुसीबत से बाहर निकाला ?” बीरबल ने जवाब दिया, “जी जहाँपना! अब आपके पूर्वज बहुत खुश और मज़े में हैं लेकिन बस उन्हें एक तकलीफ़ हैं । “
अकबर ने हैरान होकर पूछा, “अब कौनसी तकलीफ़ हैं उनको जिसका हल तुम भी नहीं कर पाए ।”

बीरबल की चतुराई – Akbar Birbal Stories in hindi

बीरबल ने बताया, “आपके पूर्वजों की दाढ़ी बहुत ज्यादा बढ़ गयी हैं जिसकी वजह से उनको थोड़ी तकलीफ होती हैं, स्वर्ग में कोई नाई नहीं हैं ना इसलिए । और कोई समस्या होती तो मैं दूर कर देता लेकिन दाढ़ी का काम तो सिर्फ नाई को ही आता हैं ।”
बीरबल के इतना कहने की देर थी की अकबर ने नाई को भी उसी विधि के तहत स्वर्ग भेजने का आदेश दे डाला ।

नाई को जब अकबर के इस आदेश की जानकारी हुई तो वो अकबर के पैरों में गिर पड़ा और जान की भीख मांगते हुवे कहने लगा की ये सब साजिश थी बीरबल को रास्ते से हटाने की । उसने बताया इस काम को करने के लिए उन्हीं के एक मंत्री ने नाई को सोने की मोहरें दी थी ।

यह सब सुनकर अकबर ने नाई और उस साजिश रचने वालें मंत्री को जेल में बंद करवा दिया । इसके बाद अकबर ने बीरबल से पूछा , “बीरबल! अगर तुम स्वर्ग नहीं गए थे तो इतना समय कहाँ थे और उस आग से बचे कैसे ?”

बीरबल ने खुद को कैसे बचाया? – Hindi Stories

बीरबल ने कहा, “मैं ये सब पहले से जानता था कि वो साधू ढोंगी हैं क्योंकि चाहें स्वर्ग हो या नर्क वहां सिर्फ़ मरके ही जाया जा सकता हैं । मैंने साधू से स्वर्ग जाने की विधि पूछ ली थी जिसके अनुसार पहले घास का ढेर लगाया जायेगा और उसके अंदर मुझे जाना होगा । आपको याद होगा मैंने स्वर्ग जाने से पहले 15 दिन मांगे थे! उन 15 दिनों में मैंने कुछ लोगों की मदद से मेरे घर से लेकर घास के ढेर के नीचे तक सुरंग खुदवा ली थी । घास को जलाने से पहले ही मैं सुरंग में चला गया था । मैं 3 महीने तक अपने घर पर ही था ।”

यह सुनकर अकबर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे और बीरबल की चतुराई की बहुत तारीफ़ की ।

कहानी से शिक्षा :-

Akbar Birbal Moral Stories in Hindi” कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है किअन्धविश्वासी बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए और हमें धार्मिक भ्रमों से दूर रहना चाहिए।

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