क्या आप भी सोये हुए हैं ? गौतम बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी
आपको क्या लगता है कि आप अपने हर काम होश में करते हैं । जाहिर है सभी का यही जवाब होगा कि हाँ, हम अपने हर काम होश में करते हैं । लेकिन होश में आना या जागना बहुत बड़ी घटना होती है । आज हम जानेंगे की जागृति का क्या मतलब होता है । शुरू करते हैं गौतम बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी “क्या आप भी सोये हुए हैं ?“
एक बार की बात है, एक व्यक्ति गौतम बुद्ध से बहुत ज्यादा प्रभावित था । वह हमेशा सोचा करता था कि गौतम बुद्ध के अंदर ऐसी कौन-सी बात है, जो उन्हें गौतम बुद्ध बनाती है । अपने इसी सवाल का जवाब लेने के लिए, वह एक दिन गौतम बुद्ध के पास पहुंचा ।
व्यक्ति ने गौतम बुद्ध को प्रणाम किया और बोला- बुद्ध! मेरे मन में आपको लेकर बहुत सारे सवाल है । क्या आप मेरे सवालों का उत्तर देंगे?
बुद्ध बोले- क्यों नहीं, मेरा तो यही काम है लोगों के मन में बैठे सवालों को शांत करना ।
व्यक्ति बोला- बुद्ध आप इतने महान कैसे हैं? क्या आप भगवान हो?
बुद्ध बोले- नहीं! बिल्कुल नहीं! मैं भगवान नहीं हूंँ।
व्यक्ति बोला- फिर, क्या आप भगवान के भेजे गए दूत हो? जो कि इस दुनिया में इसलिए आए हैं ताकि हमें ज्ञान दे सके ।
बुद्ध बोले- नहीं! मैं भगवान का भेजा गया दूत भी नहीं हूंँ।
व्यक्ति बोला- फिर आपकी महानता का क्या कारण है? आप कैसे अपने मन को नियंत्रित कर लेते हैं, जो कि बाकी लोग नहीं कर पाते । क्या आपके पास कोई ऐसी शक्ति है इसका उपयोग करके आप यह सब करते हैं ।
बुद्ध बोले- नहीं! मेरे पास ऐसी कोई शक्ति नहीं है ।
व्यक्ति बोला- ना आप भगवान हो, ना आप भगवान के भेजे गए दूत हो, ना आप शक्तिमान हो, तो फिर आप कौन हो?
बुद्ध बोले- “मैं बस एक अवस्था हूंँ । जागृति की अवस्था, मैं जागा हुआ हूंँ ।”
व्यक्ति बोला- बुद्ध, जगे हुए तो सभी मनुष्य है । मैं भी जगा हुआ हूंँ इसलिए आपसे सवाल कर पा रहा हूंँ ।
बुद्ध बोले- जागृति बहुत बड़ी घटना होती है । तुम जगे हुए नहीं हो, तुम सोए हुए हो । तुम्हारे प्रश्न पूछने के पीछे यह कारण है कि मैं तुम्हें कुछ रहस्य बता दूँ । लेकिन यहाँ कोई रहस्य नहीं है।
मैं एक अवस्था हूँ । जिसे बुद्धत्व की अवस्था कहते हैं और जो इस अवस्था में रहता है, वही जागा हुआ होता है । जो वर्तमान समय में जीता है, जो ठीक इसी क्षण में जीता है, जिसे कल से कोई सरोकार नहीं है, जिसे बीते हुए कल से भी कोई सरोकार नहीं है । जो शून्य है मौन है। असल में वही भीतर से जाग सकता है ।
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बुद्ध की बातें सुनकर वह व्यक्ति बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ वह बोला- पर बुद्ध हमें तो कभी एहसास ही नहीं होता । कि हम सोए हुए हैं हमें लगता है, हम दुनिया देख रहे हैं अपना सारा काम कर रहे हैं, तो फिर हम सोए हुए कैसे हो सकते हैं?
बुद्ध बोले- यही तो व्यक्ति का भ्रम है कि उसे एक क्षण के लिए भी नहीं लगता कि वह सोया हुआ है । वह कभी यह नहीं देखता कि उसके सारे काम एक व्यवस्था के अनुसार हो रहे हैं उस व्यवस्था के बाहर, उसका कोई भी अस्तित्व नहीं है ।
व्यक्ति बोला- धन्यवाद बुद्ध! आपने मुझे सत्य के दर्शन करा दिए । वरना मैं हमेशा यही सोचता रहता कि आप एक चमत्कार हो । लेकिन मैं जान चुका हूंँ, कि आप जागे हुए हो और लोग आपके पास इसलिए आते हैं क्योंकि कहीं ना कहीं उन्हें भी जागृति की आस होती है ।
उसके बाद व्यक्ति ने बुद्ध को दंडवत प्रणाम किया और वहाँ से चला गया ।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती हैं कि हमें भी जागने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि एक जागा हुआ व्यक्ति ही अच्छे और बुरे का अंतर समझ सकता हैं। जहाँ भी हम जागेंगे, उसी क्षण से हमारे दुख दर्द कम होने लग जाएंगे । इसलिए हमें हमेशा जागृति के लिए प्रयास करना चाहिए ।