असली माँ कौनसी हैं ? Akbar Birbal Moral Stories in Hindi No 4

असली माँ कौनसी हैं ? Akbar Birbal Moral Stories in Hindi
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Akbar Birbal Moral Stories in Hindi : एक बार अकबर के दरबार में अजीबों ग़रीब मुकदमा आया । दो महिलायें एक 3 साल का सूंदर सा बच्चा लिए राजसभा में आयी । वो दोनों ही महिलायें यह दावा कर रही थी कि यह बच्चा उसका हैं । दोनों महिलायें रोती हुई बादशाह अकबर के दरबार में फरियाद करती हैं । ये दोनों महिलायें किसी दूसरे राज्य से थी इसलिए कोई इन दोनों को जानता नहीं था । उस समय बीरबल राजसभा में मौजूद नहीं थे इसलिए बादशाह अकबर को उन दोनों में से बच्चे की असली माँ पहचानने में दिक्कत हो रही थी ।

सभी मंत्रियों और दरबारियों ने तुक्के लगाने शुरू कर दिए कि पहली वाली महिला बच्चें की असली माँ हैं तो किसी ने दूसरी वाली महिला को बच्चे की माँ बताया । बादशाह अकबर के सामने ये बहुत बड़ी समस्या बन गयी की अब वे न्याय कैसे करें ।

तभी वहां अचानक बीरबल आ गए । बीरबल को देखकर अकबर की आँखों में ख़ुशी की चमक आ गयी । बीरबल को दोनों महिलाओं की फरियाद के बारे में बता दिया गया । अकबर ने भी बीरबल को बच्चे की असली माँ को पहचानने का आदेश दे दिया । बीरबल ने ध्यान से दोनों महिलाओं को देखा, वें दोनों ही बच्चें के लिए समान रूप से रो रही थी ।

 

बच्चें के दौ टुकड़े कर दो – Moral Stories in Hindi

बीरबल ने कुछ सोचा और तुरंत एक जल्लाद को राजसभा में बुलवाया । हाथों में तलवार लिए जल्लाद राजसभा में आ पहुंचा । बीरबल ने बच्चे को दोनों महिलाओं से अलग करके थोड़ी दूर बैठा दिया । इसके बाद बीरबल ने कहा, “ये दोनों ही इस बच्चे की माँ हैं इसलिए इस बच्चे के दो टुकड़े कर देते हैं और एक एक टुकड़ा दोनों महिलाओं को दे देते हैं । अगर दोनों में से किसी भी एक महिला को यह मंजूर नहीं तो उस महिला के दो टुकड़े कर दिए जायेंगे और बच्चे को दूसरी महिला को दे दिया जायेगा । “

बीरबल के इस कथन को सुनकर एक महिला बच्चे का टुकड़ा लेने को राजी हो गयी जबकि दूसरी महिला ज़ोर ज़ोर से रोते हुवे बोली, “मुझे नहीं चाहिए बच्चा आप इस औरत को ही बच्चा दे दो । आप मेरे टुकड़े कर दो पर मेरे बच्चें को मत काटो ।”

यह देखकर सभी दरबारी और मंत्रीगणों ने यह मान लिया कि रोने वाली महिला ही झूठी हैं । तभी बीरबल ने आदेश दिया जो महिला बच्चे का टुकड़ा लेने को राजी हो गयी उसे कैद कर लिया जाये वही असली दोषी हैं । बीरबल का यह आदेश सुनकर वह महिला रोने लगी और माफ़ी मांगने लगी कि अब वो किसी और के बच्चे को अपना बच्चा नहीं कहेगी । इसके साथ ही बच्चे को उसकी असली माँ को सौंप दिया गया ।

इसके बाद अकबर ने बीरबल से पूछा, “बीरबल तुम्हे कैसे पता चला कि असली माँ कौनसी हैं ?”

 

बच्चें की असली माँ कौनसी हैं ? – Hindi Story

तब बीरबल ने अकबर से कहा, “जहाँपना! एक माँ अपने बच्चे पर आयी बड़ी से बड़ी मुसीबत को अपने ऊपर ले लेती हैं लेकिन बच्चे को आंच भी आने नहीं देती । और आज भी ऐसा ही हुआ एक माँ अपने टुकड़े करवाने के लिए तैयार हो गयी लेकिन अपने बच्चे के टुकड़े नहीं होने दिया तभी मैं समझ गया था कि वही उस बच्चे की असली माँ हैं । “

बीरबल की यह बात सुनकर बादशाह अकबर एक माँ के प्रेम के प्रति बहुत भावुक हो गए साथ ही बीरबल को अच्छे से न्याय करने के लिए इनाम दिया ।

 

कहानी से सीख :-

  1. किसी दूसरे की चीज़ पर अपना दावा नहीं करना चाहिए, क्योंकि सच कभी न कभी बाहर आ ही जाता हैं ।
  2. एक माँ अपने बच्चे से बहुत प्रेम करती हैं, इतना प्रेम की बच्चे के लिए खुदकी जान भी दे सकती हैं ।

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