चोर की दाढ़ी में तिनका | Akbar Birbal Moral Stories in Hindi No 7

चोर की दाढ़ी में तिनका | Akbar Birbal Moral Stories in Hindi
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कहानी चोर की दाढ़ी में तिनका :दोस्तों आज हम कहानी सुनाने वाले हैं उस कहावत के बारे में जिस कहावत को आपने अपने जीवन में कभी न कभी किसी न किसी के मुँह से सुना ही होगा । जी हाँ हम बात कर रहे हैं “चोर की दाढ़ी में तिनका” कहावत की । यह कहावत कैसे बनी इसके पीछे की कहानी हम आज आपको बताने जा रहे हैं ।

 

अंगूठी की चोरी – Moral Stories in Hindi

एक बार की बात हैं बादशाह अकबर की एक बहुत ही क़ीमती हिरे की अंगूठी खो गयी । उन्होंने उसे बहुत खोजा लेकिन अंगूठी नहीं मिली । इसके बाद अकबर ने यह बात बीरबल से कहीं और अंगूठी को ढूंढने के लिए कहा । अंगूठी को ढूढ़ने के लिए बीरबल को जानना था की अंगूठी कब और कैसे खो गयी । इसके लिए बीरबल ने अकबर से पूछा तो अकबर ने बताया, “आज सवेरे नहाते समय मैंने अंगूठी उतारकर आम के पेड़ के पास रख दी थी और जब नहाने के बाद आकर देखा तो अंगूठी वहां नहीं थी”

यह सुनकर बीरबल तुरंत समझ गए कि अंगूठी खोई नहीं बल्कि चोरी हुई हैं । बीरबल को वहां के साफ़ सफ़ाई करने वालों पर शक हुआ कि उनमें से ही किसी ने अंगूठी चुराई हैं । वहां की साफ सफ़ाई की ज़िम्मेदारी 6 लोगों पर थीं । सभी कर्मचारियों को अकबर के आदेश अनुसार बुलाया गया । बीरबल ने सभी को एक लाइन में खड़ा किया और उन सभी से कहा, “बादशाह की अंगूठी खो गयी हैं, नहाते समय उन्होंने पेड़ के पास रखी थी । अगर किसी को अंगूठी मिली हैं तो अभी बता दें वरना मुझे पेड़ से ही पूछना पड़ेगा । “

 

चोर की दाढ़ी में तिनका – Stories in Hindi

सभी साफ़ सफाई करने वाले कर्मचारी चुप थे । इसके बाद बीरबल पेड़ के पास जाते हैं और धीरे से फुसफुसाते हैं । सारे कर्मचारी ये देखकर थोड़ा हैरान हो जाते हैं । इसके बाद बीरबल कर्मचारियों की ओर मुस्कुराते हुवे आते हैं मानों उन्हें चोर मिल गया । बीरबल ने अकबर से कहा, “पेड़ ने मुझे चोर के बारे में बता दिया! चोर वही हैं जिसकी दाढ़ी में तिनका हैं । ” यह सुनते ही 6 में से एक कर्मचारी ने नज़रे बचाते हुवे अपनी दाढ़ी में हाथ फेरना शुरू कर दिया जैसे वो दाढ़ी में फसा तिनका निकाल रहा हो । उस कर्मचारी के ये करता देख बीरबल ने उसे तुरंत पकड़ लिया और सिपाहियों द्वारा सख्ती से पूछने पर उसने अंगूठी की चोरी करना कबूल कर लिया । इसके बाद उस कर्मचारी ने अकबर को अंगूठी दे दी जो की उसने अपने पास छुपाकर रखी थी । एक बार फिर अकबर ने बीरबल की बुद्धिमत्ता की तारीफ़ की ।

 

कहानी से सीख :-

  1. कभी भी चोरी नहीं करनी चाहिए ।
  2. बुद्धि से हर समस्या का हल निकाला जा सकता हैं ।

 

आपको हमारी यह कहानी “चोर की दाढ़ी में तिनका | Akbar Birbal Moral Stories in Hindi” कैसी लगी please नीचे comment करके जरूर बताएं धन्यवाद !

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