‘ना’ बोलना सीखिये! वरना झेलना होगा भारी नुकसान | Motivational Speech in Hindi
बहुत से लोगो की ये समस्या है, कि वो कभी ‘ना‘ नही बोल पाते। उनकी इस आदत की वजह से उन्हें काफी जोख़िम उठाना पड़ता है। अब आपके सवाल होगा, “क्या ना बोलना जरूरी है?” हाँ बिलकुल जरूरी है क्योंकि जितनी कीमत हाँ बोलने की है उससे ज्यादा कीमत ना बोलने की होती है इसलिए आपको सीखना पड़ेगा ‘ना’ बोलना! नहीं तो कोई आपसे पैसे मांगेगा या फिर आपसे कोई अपना काम करवाएगा ।
आप संकोच के कारण ना नहीं बोल पाएंगे और आपको मन ही मन ये पछतावा होता रहेगा। काश ना बोल दिया होता तो आज यह समस्या ना होती । इसलिए लोगों की हां में हां मिलाना बंद कीजिए और ‘ना बोलना सीखिये’। अगर आप अमीर और सफल बनना चाहते हैं तो आपको ‘ना’ कहना सीखना होगा। अगर आपने सही समय पर ना नही बोला तो आप कभी भी सफल इंसान नहीं बन पाएंगे ।
आज हम ऐसे ही कुछ पॉइंट्स ले कर आए है, जिससे उन लोगों को मदद मिलेंगी जो ‘ना’ नही बोलकर अपना नुकसान खुद करवाते है:-
- कौन लोग है जो ‘ना’ नहीं बोल पाते है ?
- ‘ना’ बोलना सीखिये! कब आपको ‘ना’ बोलना चाहिए?
- जब आप ‘ना’ बोलना सीख जायेंगे तो आपकी लाइफ में क्या क्या बदलाव आएंगे ?
(1) लोग ‘ना’ क्यों नहीं कर पाते हैं?
शर्मिले स्वभाव के कारण
कुछ लोग स्वभाव से शर्मीले होते हैं, इसके कारण वह अपनी बातों को कह नहीं पाते और दूसरों की बातो के प्रभाव में आकर उनका कहा मान लेते हैं। जो खुद उनके लिए बिल्कुल सही नहीं होता, इसलिए हमें अपनी शर्म को छोड़ना होगा और अपने विचारों को खुला छोड़ना होगा । यकीन माने लोग आपकी बाते सुनेंगे भी और आपको समझेंगे भी, सीधा-साधा होना कोई गलत बात नही है, पर अपनी बात लोगों के सामने ना रखना बिल्कुल एक गलत बात है ।
हमारा शर्मीला स्वभाव हमारे लिए बहुत बुरे परिणाम लाता है, इस स्वभाव के कारण हम जीवन भर बंधे-बंधे फिरते हैं और हमारी सारी संभावनाएं बाहर आने से पहले ही मर जाती है, इसलिए कहां भी गया है- जिसने की शर्म उसके फूटे करम।
दूसरों के द्वारा दबाव अनुभव करना
लोगों द्वारा दबाव अनुभव करने पर भी हम ‘ना’ नहीं कह पाते, इसका कारण यह होता है कि सामने वाला हमसे उम्र और औदे में बड़ा है, इसी उम्र और औदे के कारण, हम खुद को छोटा फील करते हैं । खुद को इस लायक नहीं समझते, कि हम अपनी बातें उनके सामने रखे इसलिए हम चुप रह जाते हैं । आपने सुना जरूर होगा उम्र तो बस एक नंबर है। आप अपनी समझदारी और सच्चाई से बड़े बनते है, इसलिए आपको किसी से दबाव महसूस करने की जरूरत नही है। ईश्वर ने सबको समान बनाया है, भेद तो हमने ही किए है।
सम्मान देने के कारण
कभी-कभी हमारे सामने ऐसे व्यक्तित्व के लोग आ जाते हैं । जो बहुत सम्माननीय होते हैं जैसे :- हमारे माता-पिता, गुरु आदि । हम दिल से उनका सम्मान करते हैं, लेकिन चाहे वह हमारे माता-पिता ही क्यों ना हो । कभी-कभी हमारे और उनके विचार नहीं मिलते, लेकिन इसी सम्मान के कारण हम उनकी हाँ में हाँ मिला देते है । जो की बिल्कुल गलत है, क्योंकि सम्मान तभी संभव है। जब हम किसी विपरीत विचारधारा को सुनने के लिए सक्षम हो। माता-पिता के दबाव में आकर हम शादी तक कर लेते हैं और आस-पास वालों की देखा-देखी करके हम वैसा करियर भी चुन लेते हैं, जो बाकी लोग चुन रहे होते हैं ।
जिसमें कि हमारी सहमति नहीं होती और जहां हमारी सहमति नहीं होगी वहां हम लंबे समय तक खुश नहीं हो सकते । हमें इस मानसिकता से बाहर आना होगा कि सम्मान का अर्थ किसी की हाँ में हाँ मिलाना है । व्यक्तित्व के विकास के लिए इंसान को अपना पक्ष रखने का हक है, इसलिए बिना डरे अपने विचारों को सामने रखिए।
अपनी नजरों में अपनी वैल्यू कम रखना
‘ना’ नहीं बोलने की एक बड़ी वजह यह भी है, कि हममें आत्मविश्वास की कमी है। हमें डर लगता है कि ‘ना’ कहा तो कोई हमें गलत ना समझ ले। लोगों की नजरों में अच्छे बने रहने के चक्कर में हम उनकी हां में हां मिला लेते हैं, लेकिन यह बिल्कुल गलत है। सबसे पहले हमें अपने विचारों को सम्मान देना होगा।
हमें किसी भी चीज से नहीं डरना चाहिए चाहे कोई हमारे खिलाफ ही क्यों ना हो, क्योंकि दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है कि सभी उसके हितैषी हो, कोई कितना भी बड़ा या कामयाब क्यों ना हो जाए, कोई ना कोई उसका निंदक जरूर होता है । हमें दूसरों के बारे में सोचना छोड़ देना चाहिए और यह देखना चाहिए कि हमारे लिए क्या सही है।
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(2) ‘ना’ बोलना सीखिये! कब आपको ‘ना’ बोलना चाहिए? वरना झेलना होगा भारी नुकसान!
- बिना सोच विचार के आप ‘हां’ नहीं बोले अगर आपको फैसला लेने में समस्या हो रही है तो आप परिवार की सलाह ले सकते है
- सीमाएँ बनाएँ :- आपको सीमाएँ बनानी होगी की एक लिमिट तक ही लोग आपका इस्तेमाल कर पाए । जैसे कोई आपको कही लेकर जाना चाहता है और वह आपको 4 घंटे लगने वाले है तो आप तय करना होगा की आप कितने घंटे दे सकते 1 ऑवर या 2 वरना आपको ना कहना होगा । इसी तरह किसको कितना पैसा देना है, किसको कितना समय देना है, कहाँ जाना है और कहाँ नही जाना है इन सबके लिए आपको सीमाएँ बनानी होगी
- तुरंत हां नहीं बोले : अगर अपने किसी भी बात में तुरन्त हाँ कह दी तो आप हमेशा दुसरो के लिए इतेमाल होते रह जाओगे
- आपके सपनों से जुड़ी हुई जगहों पर जाने के लिए ‘हाँ’ कहो या जहां जाने से आपका समय खराब होता है उस जगह को ‘ना’ कहो
- स्वार्थी बानो: अगर आपको सफल इंसान बनना है तो आपको थोड़ा स्वार्थी तो बनना होगा। किसी दूसरे के काम से पहले आपको खुदका काम पूरा करना होगा। यहां आपके स्वार्थी होने में कोई बुराई नहीं क्योंकि आप किसी दूसरे के नुकसान नही बल्कि खुदका फायदा कर रहे है।
- यदि कोई इंसान आपको मजबूर कर रहा है उसके फेवर में फैसला लेने के लिए तो आपको उससे सवाल पूछना होगा की अगर आप इस परिस्तिथि में होते तो आप क्या करते ? गलत इंसान जो दुसरो का फायदा उठाते है अक्सर वही इंसान इस सवाल से फंस जाते है
(3) जब आप ‘ना’ बोलना सीख जायेंगे तो आपकी लाइफ में क्या क्या बदलाव आएंगे ?
- दुसरे लोगो से आप इस्तेमाल नहीं हो पाओगे क्योंकि दुनिया में बहुत से ऐसे लोग है जो अपना काम निकलवाने के लिए दूसरे का इस्तेमाल करते ही रहते है
- आपको महत्वपूर्ण इंसान बनाता है जिनकी टाइम की वैल्यू होती है क्योंकि हाँ बोलने वाले इंसान की कोई कदर नहीं करता। लोग सोचते है की इसके पास बहुत समय है, आप फालतू है जहाँ कहेंगे वही चलने को तैयार हो जाओगे
- अपने परिवार को परिशानियों से बचा पाओगे क्योंकि अक्सर ऐसा होता है कि आपके परिवार वाले आपके द्वारा लिए गए फैसले से खुश नहीं होते हैं जैसे किसी दूसरे के Bank Loan में आपकी गारंटी देना, किसी दूसरे को एक बड़ी रकम उधार देना, किसी दूसरे को अपनी गाड़ी दे देना।
- आपकी लाइफ आपके कंट्रोल में आ जाती है, आप अपने फैसले खुद कर पाते है! कोई दूसरा आपको कण्ट्रोल नही कर पायेगा
- आपके जीवन में तनाव और चिंता कम हो जाती है क्योंकि अक्सर लोग किसी को हाँ बोलने के बाद पछताते रहते है की मैंने हाँ क्यों कह दी, और ये समस्या कभी कभी इतनी बड़ी हो जाती है कि आप अंदर ही अंदर टूट ते रहते है परेशान होते रहते है
- आपका समय बर्बाद नहीं होगा और जब आप एक लक्ष्य को पाने के लिए पूरा समय देंगे तो निश्चित ही आप एक सफल और अमीर इंसान बन जाओगे
- आप अंदर से मजबूत बनते चले जाओगे
वर्तमान में ‘ना’ नहीं बोलने की वजह से हम भविष्य में पछताते हैं, इसलिए हमें अपनी इस आदत को दूर करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि कोई भी हमें बेवकूफ ना बना सके और हम अपने व्यक्तित्व को निखार सके।
उम्मीद करते हैं आपको हमारी Motivational Speech in Hindi ‘ना’ बोलना सीखिये पसंद आयी होगी ।
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