जीवन में संतुलन और सफलता की शिक्षाप्रद कहानी | Short Inspirational story in Hindi

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आज की हमारी short Inspirational story हैं कि जीवन में सफलता पाने के लिए संतुलन बनाये रखना कितना जरूरी हैं ।

Short Inspirational story in Hindi

एक लड़के को एक कंपनी में नौकरी मिली, उसने एक बुजुर्ग विद्वान व्यापारी के साथ इंटर्नशिप की। जब वह बुजुर्ग विद्वान व्यापारी के यहां से जा रहा था तब उसने विद्वान व्यापारी से कहा, “आपने मुझे बहुत कुछ सिखाया है आगे भी मुझे लगातार गाइड करते रहना और मैं आपकी बातें ही जॉब में अपनाना चाहता हूँ। उस व्यक्ति ने कहा, “टेंशन मत लो, मैं हमेशा गाइड करूंगा।”

उसके बाद वह कंपनी में जा कर नौकरी करने लगा और उस बुजुर्ग विद्वान व्यापारी को भूल गया। उधर वह व्यापारी अपने बिजनेस से रिटायरमेंट हो चुके थे और अपना पुरा बिजनेस अपने बच्चों को सौंप दिए और अपने हॉबीज में लग गए।

वह लड़का जिसकी नौकरी लगी थी दो साल, ढाई साल से पूरे मेहनत से अपना काम करता रहा । जब तीन साल पूरे हुए इसका ना प्रमोशन हुआ ना ही सैलरी बढ़ी। इसके आजू बाजू में जो लोग काम करते थें उसमे से कुछ का प्रमोशन हो गया, औरों की सैलरी बढ़ गई लेकिन इसका ना प्रमोशन हो रहा था ना ही सैलरी बढ़ रही थी इसे चिढ़ आने लगीं । यह परेशान रहने लगा। तभी इसे अपने गुरू की याद आई और सोचा कि मैं अपने गुरू से मिलने जाऊंगा, वह जरुर इस बात का कोई हल बताएंगे। 

अगले दिन वह पहुंचा उनके ऑफिस में तो वहां पता चला उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया हैं, अब वह घर पर ही रहते हैं। तब वह उनके घर पहुंचा उनसे मिला उन्हे प्रणाम किया और बोला- क्या आपने मुझे पहचाना?

उस बुजुर्ग विद्वान व्यापारी ने कहां हां बिल्कुल, कैसे यहां इतने दिनों बाद आना हुआ।

तब इसने कहां, “आपने जो जो बातें बताई थी मैं उन सभी चीज़ों को फॉलो कर रहा हूं फिर भी तीन सालों से ना तो प्रमोशन हुआ हैं ना ही सैलरी बढ़ी है।

अब आप ही कोई रास्ता बताइए मुझे क्या करना चाहिए?

उस व्यापारी ने कहां, “बिना कोई वजह बताएं तुम कल की छूटी ले लो।

लड़के ने पूछा ऐसा क्यों कह रहे हैं? तब उन्होंने समझाया, “कोई बल्ब होता हैं जो हमेशा जलते रहता हैं तो हम उस पर ध्यान नहीं देते है। जिस दिन वह बल्ब बुझ जाता हैं तो हम उस पर ध्यान देते हैं कि अरे! ये तो मेरे लिए इंपोर्टेंट है।”

अगले दिन वह लड़का गया और कंपनी के कामों से एक दिन की छुट्टी ले ली। जब वह अगले दिन आया तो उसके बॉस ने बुलाया और उसे प्रोमोशन दे दिया। क्योंकि उसके बॉस को पता चला की एक दिन ऑफिस नही आने से हमे कितना नुकसान झेलना पड़ा और इसके होने से हमारा काम कितनी आसनी से हो रहा था ।

लड़का बहुत ही खुश हुआ और मन ही मन सोचने लगा मेरे गुरु जी कितने विद्वान हैं एक आइडिया दिया और कमाल हो गया।

उस दिन के बाद से इसके मन में लालच आ गया । जब इसे लगता था की पैसा नही बढ़ रहा है तो यह एक दिन की छुट्टी ले लेता कुछ दिन नही आता था जिसके बाद फिर से इसके पैसे बढ़ जाते थे।

इस लड़के की यह आदत बन चुकी थी । ऐसा यह बार बार करता रहता था । इसको लगता था मुझे पैसे बढाने का एक फॉर्मूला मिल गया है।

एक दिन यह लड़का फिर से छुट्टी लेने के बाद जब काम पर पहुंचा तो उसे गार्ड ने अन्दर नही जाने दिया और कहां तुम्हें नौकरी से निकाल दिया गया है।

यह सुनते ही लड़के का सर घूम गया और सोचने लगा ऐसा कैसे हो गया और वह अपने गुरू के पास गया और सारी बातें बताई और कहा, “आपने जो फॉर्मूला बताया था वह तो फेल हो गया।”

उसके गुरु ने पूछा, “सच सच बताना तुमने क्या किया था?” तब उस लड़के ने कहां, “आपने जो फॉर्मूला दिया था उसका मैंने सबसे पहले इस्तेमाल किया तो मेरा प्रमोशन हो गया। दूसरी, तीसरी बार किया तो सैलरी बढ़ी लेकिन इस बार तो मुझे मेरे बॉस ने काम से ही निकाल दिया।

तब उसके गुरु ने कहां तुमने मेरी बात सिर्फ़ सुनी थी, उसे समझा नहीं । हमेशा जलने वाला बल्ब जब बुझ जाए तो सबका ध्यान जाता हैं की यह बहुत इंपोर्टेंट था लेकिन जब वही बल्ब बार-बार जलने और बुझने लगे तो उसे रिप्लेस कर दिया जाता हैं उस पर ध्यान नहीं दिया जाता हैं और तुमने गलती कर दी संतुलन बनाए रखने में। 

Moral: इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में सफलता पाने के लिए संतुलन बनाए रखना जरुरी होता हैं। साथ ही हमें लालच नहीं करना चाहिए।

उम्मीद करते हैं आपको हमारी short Inspirational story “जीवन में संतुलन और सफलता की शिक्षाप्रद कहानी” पसंद आयी होगी ।

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