19 ऊँटों का बंटवारा – Inspirational Story in Hindi

19 ऊँटों का बंटवारा - Inspirational Story in Hindi
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आज की कहानी का शीर्षक है “ऊँटों का बंटवारा ।” जीवन में बुद्धि और तर्क से हम कई समस्याएं सुलझा सकते हैं । लेकिन कभी-कभी हम ऐसी स्थिति में नहीं होते कि हम वह समस्याएं सुलझा सके, ऐसी परिस्थिति में हमें किसी तर्कशील मनुष्य से मदद ले लेनी चाहिए ।

19 ऊँटों का बंटवारा – Inspirational Story in Hindi

एक बार की बात है, एक वृद्ध व्यक्ति अपने जीवन की अंतिम सांस ले रहा था । इसलिए उसने अपने दोनों बच्चों और नौकर को बुलाया, उनका एक बेटा था और एक बेटी थी।
वृद्ध व्यक्ति बोला- अब मेरे पास ज्यादा वक़्त नही है, इसलिए मैं अपनी वसीयत को तीन भागों में बाँट रहा हूंँ । मेरी वसीयत में कुल उन्नीस ऊँट है । जिसमें से आधा मैं अपने बेटे को देना चाहता हूंँ, एक चौथाई मैं अपनी बेटी को देना चाहता हूंँ और अपनी वसीयत का पांचवा भाग मैं अपने नौकर को देना चाहता हूंँ । ऐसा कहते ही उस वृद्ध की मृत्यु हो गई ।

उनके बच्चों और नौकर को उनकी मृत्यु का बहुत दुःख हुआ । लेकिन कुछ दिनों बाद जब स्थिति संभल गई, तब उन लोगों ने वसीयत पर विचार किया ।
बेटा बोला- अरे! पिताजी ने उन्नीस ऊँट हमें वसीयत में दिए हैं लेकिन मैं उन्नीस ऊंटों का आधा भाग किस प्रकार लूँगा ?
बेटी बोली- मुझे एक चौथाई भाग मिला है, वह भी करना मुश्किल है ।
नौकर बोला- और उन्नीस ऊँटों का पांचवा भाग मुझे कैसे मिलेगा ?
वह तीनों समझ नहीं पा रहे थे कि वह इस वसीयत का बंटवारा किस तरह करें ।
आस-पास वालों उन्हें सलाह देने लगे।

किसी ने कहा- कि तुम आपस में अपने बंटवारे को कम ज्यादा कर लो, वसीयत सबको मिल जाएगी ।
लेकिन उन तीनों में से कोई भी अपना थोड़ा-सा भी हिस्सा छोड़ने को तैयार न था । रोज उन लोगों में वसीयत को लेकर बहस होती रहती, लेकिन वह किसी भी फैसले पर नहीं पहुंच पाए । कोई उन ऊँटों की देखभाल भी करने को तैयार ना था, उनका कहना था, कि जब हमें पता ही नही कि कितने ऊँट हमारे हिस्से के है तो हम क्यों उनकी देखभाल करे ।

एक बार एक गाँव का व्यक्ति उनके पास आकर बोला- अरे! इतना वक्त बीत गया, लेकिन तुम तीनों में वसीयत को लेकर फैसला नहीं हो पाया । तुम लोगों की वजह से उन ऊँटों को कितना कष्ट हो रहा है।
बेटा बोला- हाँ, पर क्या करे, हमें तो समझ नहीं आ रहा है, इन ऊँटों को हम कैसे बाँटे ।
व्यक्ति बोला- मैं एक ऐसे बुद्धिमान व्यक्ति को जानता हूंँ, जो कि तुम्हारी समस्या का समाधान कर सकता है ।
व्यक्ति की यह बात सुनकर उनके मन में एक उम्मीद जगी, इसलिए वह उस बुद्धिमान व्यक्ति के पास चले गए ।

उन लोगों ने उस बुद्धिमान व्यक्ति के पास जाकर सारी समस्या बता दी ।
थोड़ी देर सोच-विचार के बाद ।
बुद्धिमान व्यक्ति बोला- ठीक है, मैं ऐसा करता हूंँ कि इस उन्नीस ऊँट में अपना एक ऊंट मिला लेता हूंँ । जिससे कि ऊँटों की संख्या बीस हो जाएगी ।
उसने बीस में से दस ऊंट बेटे को दे दिए। पांच ऊंट बेटी को दे दिए और चार ऊंट नौकर को दे दिए और अपना मिलाया हुआ एक ऊंट वापस ले लिया ।
व्यक्ति के चतुराई देखकर सब लोग हैरान रह गए ।
बेटे ने पूछा- तुमने तो इस समस्या का समाधान बड़ी जल्दी निकाल लिया, हम लोग कब से इसे सुलझाने की कोशिश कर रहे थे ।

बुद्धिमान व्यक्ति बोला- जब समस्याएं हमारे ऊपर हावी हो जाती है, तब हम अपनी बुद्धि और तर्क का इस्तेमाल करना भूल जाते हैं, लेकिन यह समस्या मेरी नहीं थी इसलिए मैं इसका हल निकाल पाया ।
इस प्रकार वसीयत हर किसी को मिल गई ।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की बुद्धि और तर्क से मनुष्य जटिल से जटिल समस्या का भी समाधान निकाल सकता है लेकिन जब व्यक्ति समस्या में ही उलझ जाता है उस वक्त हमारा तर्क और बुद्धि काम करना बंद कर देते हैं । ऐसी स्थिति में हमें किसी बुद्धिमान व्यक्ति की सहायता लेनी चाहिए ।

उम्मीद करते हैं आपको हमारी  Inspirational Story in Hindi “19 ऊँटों का बंटवारा” पसंद आयी होगी । आप हमें social media पर भी follow कर सकते हैं CRS SquadThink Yourself और Your Goal


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