जीवन का अटल सत्य मृत्यु | गौतम बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी
जीवन का अटल सत्य मृत्यु है। एक बार यदि मनुष्य की मृत्यु हो जाए तो वह किसी भी कीमत पर वापस जीवित नहीं हो सकता । लेकिन जब हमारा कोई प्रियजन हमसे दूर हो जाता है, तब हम अक्सर यह सोचते है कि काश वह वापस आ जाए । लेकिन कितना भी विलाप करने पर वह हमारे पास वापस नहीं आ सकते । आज की कहानी हमें बताती हैं कि कैसे गौतम बुद्ध ने एक महिला को जीवन के अटल सत्य का ज्ञान कराया ।
जीवन का अटल सत्य मृत्यु | गौतम बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी
एक बार की बात है एक महिला गौतम बुद्ध के पास पहुँची और रोने लगी ।
बुद्ध ने पूछा- क्या हुआ तुम रो क्यों रही हो ?
महिला बोली- मेरा पुत्र मर गया है । सुना है आप तो बहुत महान हो, कुछ भी कर सकते हो । आप मुझ पर एक उपकार करो, मेरे पुत्र को जीवित कर दो । यह कहकर वह महिला और जोर-जोर से रोने लगी ।
बुद्ध बोले- यह तो संभव नही है, मरने के बाद किसी भी व्यक्ति को जीवित नहीं किया जा सकता ।
महिला बोली- मुझे नहीं पता, आपको कैसे भी करके मेरे पुत्र को जीवित करना पड़ेगा । नहीं तो मैं भी जीवित नहीं रह पाऊँगी । क्या आप एक माँ की तकलीफ को नहीं समझते ? यदि आप बुद्ध होकर भी लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते तो फिर क्या फायदा आपका बुद्ध होने का ।
बुद्ध बोले- मैं जानता हूँ, एक माँ के हृदय को कितनी तकलीफ होती है, जब उसके पुत्र की मृत्यु होती है । लेकिन यह तो प्रकृति का नियम है जो आता है उसे जाना ही पड़ता है किसी को जल्दी तो किसी को देरी से ।
महिला बोली- नहीं, बुद्ध मैं आपकी किसी भी बात को नहीं समझ पाऊँगी । आप बस मेरे पुत्र को जीवित कर दो ।
बुद्ध बोले- ठीक है, अगर तुम्हारा इतना हठ है तो मैं तुम्हारे पुत्र को जीवित कर दूँगा । लेकिन उससे पहले तुम्हें मेरा एक कार्य करना होगा, यदि तुम वह कार्य कर पाई तो मैं तुम्हारे पुत्र को जीवित कर दूँगा ।
यह सुनकर महिला अत्यंत प्रसन्न हुई और कहने लगी- हाँ बुद्ध आपका कोई भी कार्य हो । अपने पुत्र के लिए तो मैं कुछ भी करने को तैयार हूँ । आप मुझे बताइए क्या करना है ?
बुद्ध बोले- मेरे लिए तुम्हें एक कटोरी चावल लाना हैं, लेकिन किसी ऐसे घर से जहाँ किसी की मृत्यु न हुई हो ।
यह सुनते ही महिला सोचने लगी- यह कार्य तो बड़ा आसान कार्य हैं । इतने बड़े मोहल्ले में ऐसे बहुत से घर होंगे जहाँ पर किसी की भी मृत्यु न हुई हो । ऐसा सोचकर वह महिला अपने कार्य के लिए निकल पड़ी ।
वह एक घर का द्वारा खटखटाती है, एक पुरुष दरवाजा खोलता है ।
महिला कहती है- मुझे एक कटोरी चावल चाहिए, लेकिन उससे पहले मुझे यह बताओ ? तुम्हारे घर में किसी की मृत्यु तो नहीं हुई ना ?
पुरुष कहता है- दो वर्ष पहले ही मेरे पिताजी का निधन हो गया था ।
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ऐसा सुनकर ही महिला दूसरे घर की ओर निकल पड़ती है, वह फिर दरवाजा खटखटाती है।
एक महिला दरवाजा खोलती है- वह फिर पूछती है, तुम्हारे घर में किसी की मृत्यु तो नहीं हुई ना ?
यह स्त्री दुखी मन से कहती है- मेरे पति अब इस दुनिया में नहीं है।
ऐसा सुनते ही वह महिला तीसरे घर की ओर चलती है, तीसरे घर में भी वह वही सवाल पूछती हैं ।
और सामने से एक वृद्ध महिला का जवाब आता है- मेरा बेटा इस दुनिया में नहीं है ।
ऐसे सुनते ही महिला आगे बढ़ जाती है । वह मोहल्ले का कोई भी ऐसा घर नहीं छोड़ती, जहाँ जाकर उसने पूछा ना हो । लेकिन हर तरफ से उसे निराशा ही मिलती है परेशान होकर वह बुद्ध के पास वापस आ जाती है ।
महिला बोली- बुद्ध मैंने कोई भी घर नहीं छोड़ा सभी घरों में जाकर पूछा- लेकिन हर घर में किसी ने किसी की मृत्यु हो रखी है। किसी का पुत्र, किसी की पति तो किसी की माँ नहीं है । हर तरफ मुझे यही जवाब मिलता हैं । मुझे ऐसा कोई घर नहीं मिला जहाँ पर किसी की मृत्यु न हुई हो ।
बुद्ध बोले- मैं तुम्हें यही समझना चाहता था, कि संसार में ऐसा कोई भी प्राणी नहीं है जिसका कोई शुभचिंतक उससे दूर ना हुआ हो । प्रत्येक प्राणी इस पीड़ा से दुखी रहता है लेकिन यही संसार का कड़वा सत्य है । जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु अवशय होती है जब उसका कार्यकाल ख़तम हो जाता है उसके बाद वह एक पल भी और जीवित नही रह सकता ।
ऐसा सुनते ही महिला ने बुद्ध के सामने हाथ जोड़ लिए और कहने लगी- आप सत्य ही कहते हैं ईश्वर के लिखे को कोई नहीं टाल सकता, जिसे जब जाना होता है वह जाकर ही रहता है । मृत्यु जीवन का एक कड़वा सत्य हैं ।
जब व्यक्ति जन्म लेता है लोग बहुत खुश होते हैं । जब व्यक्ति की मृत्यु होती है, हम सब बहुत दुखी होते हैं । जैसे:- सुख और दुख एक सिक्के के दो पहलू है, वैसे ही जन्म और मृत्यु भी कालचक्र के दो पहलू है । काल के ग्रास में फँसकर व्यक्ति मृत्यु को प्राप्त हो जाता है, और फिर कभी दोबारा लौटकर नहीं आता । यही मृत्यु “जीवन का अटल सत्य हैं ।“
उम्मीद करते है आपको हमारी गौतम बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी “जीवन का अटल सत्य मृत्यु” पसन्द आयी होगी । आप हमें social media पर भी follow कर सकते हैं CRS Squad, Think Yourself और Your Goal