दुखी रहने का सबसे बड़ा कारण | Hindi Story
आपके आस पास सब तरह के लोग रहते हैं जिनमें कुछ अमीर भी होते हैं और कुछ ग़रीब भी। आपने देखा होगा आजकल ग़रीब इंसान भी दुःखी रहता हैं तो अमीर इंसान भी दुःखी रहने लगा हैं। आज की कहानी के माध्यम से हम जानेंगे कि दुःखी रहने का सबसे बड़ा कारण क्या हैं जिसकी वजह से ग़रीब तो दुःखी हैं ही लेकिन अमीर भी दुःखी रहता हैं।
दुखी रहने का सबसे बड़ा कारण | Hindi Story
एक व्यक्ति था, जिसके दो दोस्त थे । बहुत सालों के बाद वह उनसे मिलने जा रहा था । वह बहुत खुश था, कि वह अब अपना सुख-दुख अपने दोस्तों के साथ बाँट सकता है । ऐसा सोचते हुए वह अपने पहले दोस्त के पास गया । उसका पहला दोस्त बहुत ही गरीब था । वह उसे अपनी जिंदगी की समस्या बताने लगा ।
गरीब दोस्त बोला- अरे! गरीबी बहुत बुरी चीज है । गरीबी के कारण तो जिंदगी जीना बहुत मुश्किल हो गया है । आज के वक्त में जिसके पास पैसा है, वही खुश है । बिना पैसे के कोई किसी की इज़्ज़त नहीं करता। गरीबों की ज़िंदगी तो कीड़े मकोड़े जैसी हो गयी हैं। लगता हैं जैसे हम तो इस दुनियाँ में है ही नहीं।
व्यक्ति को अपने दोस्त की बात सही लगी और वह सोचने लगा, यह सच ही तो कह रहा है पैसों के बिना कैसे कोई अपनी जिंदगी खुशी से गुज़ार सकता है । बहुत बातें करने के बाद वह अपने दोस्त के घर से लौट गया ।
फिर वह अपने दूसरे दोस्त के घर पहुँचा । उसके घर को देखते ही वह सोचने लगा, यह तो बहुत अमीर हो गया है। उसने अपने दूसरे दोस्त से बातचीत शुरू की।
व्यक्ति बोला- तुम्हारे पास तो बहुत पैसा आ गया है, तुम तो बहुत खुश रहते होंगे?
अमीर दोस्त बोला- क्या बताऊं । मैं तो अपनी जिंदगी से बहुत परेशान हूंँ । पैसा तो है लेकिन खुद के लिए ही टाइम नहीं मिलता । और लोगों को लगता है, इनके पास पैसा है तो सब ठीक है । अमीर बनना आसान हैं लेकिन अमीर बने रहना बहुत मुश्किल होता हैं। इसीलिए पूरा समय काम में फ़सा रहता हूँ। परिवार को समय नहीं दे पाता, खुलकर ज़ी नहीं पाता। एक दिन भी अगर ख़ुदके लिए ज़ी लूँ तो बहुत पैसों को नुक़सान झेलना पड़ सकता हैं। मैं बिल्कुल खुश नहीं हूंँ । कुछ समझ नहीं आता क्या करू।
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अपने दूसरे दोस्त की बात सुनकर व्यक्ति बड़ी दुविधा में पड़ गया । उसने सोचा जब पैसे वाला भी खुश नहीं है और जिसके पास कुछ नहीं है वह भी खुश नहीं है तो मैं कौन-से मार्ग पर चलूँ ? जिससे कि मैं अपनी जिंदगी को खुशहाल बना सकूँ ।
उसके अंदर एक दुविधा बन गई थी । वह अपनी दुविधा को दूर करना चाहता था, वह इस बात का जवाब ढूंढने के लिए एक संत के पास पहुँचा ।
संत के पास पहुंचकर उसने उनको प्रणाम किया और बोला- गुरुजी! मेरे भीतर कई दिनों से एक दुविधा है ।
संत बोले- किस प्रकार की दुविधा ?
व्यक्ति बोला- गुरुजी, मेरी दुविधा यह है कि मेरे दो मित्र है । और मैंने दोनों की ज़िंदगियों को बारीकी से देखा है। मेरे एक मित्र के पास धन की कमी है, वह हमेशा धन की कामना करता है और दुखी रहता है । मेरे दूसरे मित्र के पास अत्यधिक धन है लेकिन धन होने के बावजूद भी वह दुखी रहता है ।
तो मुझे समझ नहीं आ रहा है, कि मुझे धन की कामना करनी चाहिए या नहीं ?
संत बोले– तुम्हें धन क्यों चाहिए ?
व्यक्ति बोला- जीवन को आसान और सुखी बनाने के लिए धन की आवश्यकता हैं। गरीबों की मदद करने के लिए अमीर बनना हैं मुझे।
संत बोले- तुम्हारा उद्देश्य सही हैं लेकिन अक्सर लोग सिर्फ़ दिखावा करने के लिए अमीर बनते हैं। बड़ा घर, बड़ी गाड़ी ये सब दिखावा ही तो हैं और यह दिखावा हमेशा बना रहे इसलिए दिन रात धन के पीछे भागते रहते हैं। ऐसे लोग ना परिवार को समय दे पाते है ना ही इस खूबसूरत जीवन को ज़ी पाते हैं। इसलिए अमीर इंसान हमेशा दुःखी रहता हैं।
व्यक्ति बोला- तो क्या धन कमाना ग़लत हैं ?
संत बोले– धन कमाना ग़लत नहीं लेकिन धन कमाने का उद्देश्य क्या हैं ये सबसे महत्वपूर्ण हैं। व्यक्ति को जीवन चलाने के लिए धन की आवश्यकता होती है, इसलिए धन तो तुम्हें कमाना ही होगा लेकिन मत्वपूर्ण ये हैं कि तुम धन का उपयोग दिखावा करने के लिए करते हो या अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए करते हो। धन का उपयोग फ़िजूल ख़र्ची के लिए करते हो या लोगों की मदद करने के लिए करते हो।
व्यक्ति बोला- तो ग़रीब इंसान दुःखी क्यों रहता हैं ?
संत बोले- ग़रीब इंसान हमेशा इस भ्र्म में रहता हैं कि जिसके पास अत्यधिक धन हैं सिर्फ़ वहीं लोग खुश और सुखी हैं। और वह चाहता हैं कि उसके पास भी उतना ही पैसा, बड़ा घर, बड़ी गाड़ी होनी चाहिए जितना की अमीर लोगों के पास हैं। इस संसार में काम की कमी नहीं हैं, वह काम करता हैं और पर्याप्त धन कमाता हैं जिससे की उसका घर चल सकें लेकिन अमीर लोगों देखकर उनके जैसा बनने की कामना उसे हमेशा दुःखी करती रहती हैं।
व्यक्ति को संत की बात समझ में आ रही थी कि आखिर वह क्या कहना चाहते हैं ।
व्यक्ति बोला- गुरुजी, आप सत्य कहते हैं, हमें धन का इस्तेमाल दिखावा करने के लिए नहीं करना हैं और ना ही किसी अमीर व्यक्ति को देखकर अपने मन में उसके जैसा बनने की भावना लानी चाहिए।
गुरुजी मेरे भीतर से आपने मेरी दुविधा को खत्म कर दिया है । संत ने उसे आशीर्वाद दिया और व्यक्ति ने हाथ जोड़कर संत का धन्यवाद किया ।।
यह कहानी हमें बताती है कि जीने के लिए पैसा बहुत जरूरी है तो हम बिना काम किये तो रह नहीं सकते और अत्यधिक पैसे से खुशी मिल जाए इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है । इसलिए हमारे लिए यह जरूरी है कि हम धन के उद्देश्य को समझें ताकि धन मिलने के बाद हमारे अंदर कोई लालच ना हो बल्कि हम खुश और सुखी रह सकें।
उम्मीद करते हैं आपको हमारी प्रेरणादायक कहानी “दुखी रहने का सबसे बड़ा कारण” पसंद आयी होगी । आप हमें social media पर भी follow कर सकते हैं CRS Squad, Think Yourself और Your Goal