गलत फैसलों से कैसे बचे? 4 situation में फैसले नहीं लेने चाहिए!

गलत फैसलों से कैसे बचे, 4 situation में फैसले नहीं लेने चाहिए
Share this Post to Your Friends

जीवन के हर मोड़ पर अपने लिए हमें छोटे-बड़े फैसले लेने पड़ते हैं। यहाँ पर हम कुछ ऐसे टिप्स शेयर करेंगे, जिसका विषय है- गलत फैसलों से कैसे बचे? । हम फैसले तो ले लेते हैं, लेकिन क्या हमें पता है,कि किस वक्त हमें फैसले नहीं लेने चाहिए। ऐसी कौन-कौन सी स्थितियां होती है, जिस वक्त हमें अपने फैसलों को टाल देना चाहिए। आज हम ऐसे ही कुछ चार स्थितियों की बात करेंगे, जिस वक्त हमें निर्णय लेने से बचना चाहिए।

गलत फैसलों से कैसे बचे? – 4 situation में फैसले नहीं लेने चाहिए!

1. भूखे होने पर

जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना, जब इंसान भूखा होता है। उसका दिमाग सही प्रकार से कार्य नहीं करता , इसी वजह से वह सही फैसला नहीं ले पाता । भूख की वजह से उसका सारा ध्यान भूख की तरफ हो जाता है ,उसके फैसला लेने की क्षमता पर असर पड़ता है , यदि वह कोई फैसला ले लेता है, तो उसके गलत होने के चान्स बढ़ जाता है । एक प्रचलित मुहावरे के अनुसार भूखे पेट तो भजन भी नही हो सकता।

“भूखे भजन न होय गोपाला,
यह ले तेरी कंठी माला”

2. क्रोध आने पर

जब मनुष्य को क्रोध आता है, तब संसार का हर एक इंसान उसे दुश्मन नजर आता है । क्रोध के कारण वह अपना ही नहीं दूसरों का भी नुकसान कर देता है । जब क्रोध आए हमें कोशिश करनी चाहिए । हम किसी से बात ना करें , ना ही कोई मैसेज आदि भेजें, क्योंकि क्रोध थोड़ी देर का होता है लेकिन इसके परिणाम बहुत भयंकर हो सकते हैं। क्रोध में निकली हुई हर बात एक जहर की तरह होती है, जो सामने वाले को बहुत कष्ट पहुंचती है। ऐसी अवस्था में हमें कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए, यदि हम ऐसे निर्णय लेते हैं तो दुष्परिणाम हमें भुगतने पड़ेंगे।
कबीर दास जी ने भी कहा है।

दसो दिशा से क्रोध की उठि अपरबल आग शीतल संगत साध की तहां उबरिये भाग।

3. अकेले होने पर

हमें जीवन के फैसलों में अपने परिवार और दोस्तों का साथ ले लेना चाहिए, क्योंकि कई बार हम समझ नहीं पाते, कि इस विषय पर हमें क्या फैसला लेना चाहिए । अकेलापन आज के युग की एक बहुत बड़ी समस्या है। अकेले होने पर लोग अक्सर आत्महत्या तक का फैसला ले लेते हैं, इसलिए अपनों का साथ बहुत ही आवश्यक है । अपनो का साथ मिलने से हम उस काम को और बेहतर तरीके से कर पाते हैं। कहा भी गया है अकेला व्यक्ति चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यूँ ना हो उसे साथ की हमेशा जरूरत पड़ती है।

अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता

4. थके होने पर

ऑफिस का काम करने के बाद हम इतना थक जाते हैं, कि हमारे पास इतनी ऊर्जा ही नहीं बचती, कि हम कुछ और काम कर पाए। यह थकान सिर्फ शारीरिक नहीं होती, बल्कि मानसिक भी होती है । जिस प्रकार शरीर की थकान के बाद हम शरीर का कोई काम नहीं कर सकते,ऐसे ही मानसिक थकान के बाद कोई मानसिक निर्णय भी नहीं ले सकते, इसलिए थके होने पर हमें कोई भी फैसला लेने से बचना चाहिए।

“थक गया हूं दूर निकलना छोड़ दिया है
पर ऐसा नहीं है कि मैं चलना छोड़ दिया है”

आशा है हमारे इन चारों टिप्स को पढ़कर आप भी गलत फैसला लेने से बचे रहेंगे।

उम्मीद करते हैं आपको हमारी Inspirational Post “गलत फैसलों से कैसे बचे?” पसंद आयी होगी ।

आप हमें social media पर भी follow कर सकते हैं CRS SquadThink Yourself और Your Goal


Share this Post to Your Friends

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *