एक शांत तस्वीर की कहानी – Inspirational Story in Hindi

एक शांत तस्वीर की कहानी
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आज की कहानी का शीर्षक है “एक शांत तस्वीर ।” मनुष्य जब शांत होता है तो आस-पास के शोर का उस पर तनिक भी प्रभाव नहीं पड़ता । आपके हिसाब से एक शांत तस्वीर क्या हो सकती है? यदि आपने अपने मन में कोई कल्पना बना ली है तो आज वह कल्पना टूटने वाली है । क्योंकि शांति वह नहीं होती, जो सिर्फ दिखाई देती है शांति वह होती है जहाँ पर बाहरी तूफ़ान होने पर भी मन अपने कर्म में लगा रहता है और उसे ही वास्तव में शांत होना कहते हैं । तो आइये इस कहानी से माध्यम से समझते है कि एक शांत तस्वीर क्या होती है ।

एक शांत तस्वीर की कहानी – Inspirational Story in Hindi

एक बार की बात है एक राजा ने अपने महल में घोषणा करवाई कि उन्हें दुनिया की सबसे शांत तस्वीर बनवानी है । जो भी इस शांत तस्वीर को बनाएगा, राजा उसे इनाम देंगे । बहुत सारे चित्रकरो ने बहुत खूबसूरत तस्वीर बनाई । लेकिन सब में से दो तस्वीरों को चुना गया और राजा के समक्ष प्रस्तुत किया गया ।

अपनी-अपनी तस्वीरों के साथ दोनों चित्रकार खड़े हो गए ।
पहले चित्रकार की तस्वीर में एक शांत झील, बादल और आस-पास बर्फ़ के पहाड़ और उड़ते हुए पंछी थे। तस्वीर देखने में बहुत शांत लग रही थी ।

शांत तस्वीर


दूसरे चित्रकार की तस्वीर में आंधी-तूफान, हवा और एक पेड़ पर एक चिड़िया का घोंसला था ।

शांत तस्वीर


दरबार में उपस्थित सभी लोगों ने दोनों की तस्वीरें देखी और सबको यही लगा कि राजा को पहले चित्रकार की तस्वीर पसंद आएगी ।
राजा दूसरे चित्रकार की तस्वीर की तरफ देखकर बोले- यह तस्वीर मुझे सबसे शांत तस्वीर लगी ।

राजा की यह बात सुनकर सभी लोग हैरान रह गए । लोग राजा से पूछना चाहते थे, आपको यह दूसरी तस्वीर कैसे सबसे शांत तस्वीर लग रही है । लेकिन राजा के आगे किसी की पूछने की हिम्मत नहीं हो रही थी ।
लेकिन पहले चित्रकार से रहा नहीं गया ।

पहला चित्रकार बोला- महाराज! क्या मैं आपसे पूछ सकता हूंँ, कि आपको मेरी तस्वीर से ज्यादा इस दूसरे चित्रकार की तस्वीर शांत क्यों लग रही है? मेरी तस्वीर में एक शांत झील है, बादल है पूरे तरीके से मेरी तस्वीर शांति का प्रतीक है । लेकिन उसके बाद भी आपको मेरी तस्वीर पसंद नही आई । दूसरी तरफ यह दूसरी तस्वीर है, जिसमें बहुत तूफान और अशांति ही अशांति है ।

उस चित्रकार की बात सुनकर सभी राजा की तरफ देखकर उनके उत्तर का इंतजार करने लगे । क्योंकि सभा में सभी जानना चाहते थे, कि आखिर क्यों उस दूसरी तस्वीर को शांत कहा गया ।

राजा बोले- दूसरी तस्वीर में बाहर बहुत तूफान है लेकिन उस तूफान के बीच भी झूलते हुए पेड़ पर एक घोसला है और उसमें एक चिड़िया अपने बच्चों को खाना खिला रही है । बाहर भले ही कितना ही तूफान है लेकिन इस चिड़िया को इस तूफान से कोई लेना-देना नहीं है, वह बहुत शांत भाव से अपने बच्चों को भोजन करा रही है ।

पहला चित्रकार बोला- पर राजा जी बाहर तो इतनी आशांति है।
राजा बोले-शांति सिर्फ जगह में नहीं होती, असल शांति तो मन में होती है ।” इस तस्वीर में बाहरी-तौर पर सब कुछ उजड़ रहा है, लेकिन ऐसे माहौल में भी चिड़िया का ऐसे शांत होकर अपने बच्चों को भोजन कराना, मुझे असली शांति का प्रतीक लगता है ।

दूसरा चित्रकार बोला- धन्यवाद! महाराज, सचमुच आप भी एक कलाकार ही है क्योंकि आपने मेरी चित्रकला को बारीकी से देखा । मैं इस तस्वीर में यही समझाना चाहता था, कि शांति मनुष्य के मन में होती है ना कि बाहरी चीजों में ।

राजा ने दूसरे चित्रकार को भेंट में स्वर्ण मुद्राएं दी । सभा में उपस्थित सभी लोगों ने ताली बजाते हुए चित्रकार का अभिनंदन किया ।

यह कहानी हमे बताती है कि शांति तो मनुष्य के भीतर होती है। यदि मनुष्य के जीवन में कोई चिंता ना हो, तो वह हमेशा शांत रहता है । लेकिन यदि वह चिंतित हो तो सुंदर पहाड़, नदी झरनों आदि के पास होकर भी भीतर से वह दुखी ही रहता है इसलिए हमारी जिम्मेदारी यही है कि हमें अपने मन को हमेशा शांत रखना है ।

उम्मीद करते हैं आपको हमारी  Inspirational Story in Hindi “एक शांत तस्वीर की कहानी” पसंद आयी होगी । आप हमें social media पर भी follow कर सकते हैं CRS SquadThink Yourself और Your Goal


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