Title : 7 ऐसे संस्कार जो आपके बच्चे को महान बना देंगे!
बच्चे जब छोटे होते हैं तो उन्हें कुछ पता नहीं होता क्या सही हैं और क्या गलत, वो बस जो देखते हैं सुनते हैं उसी से सीखते हैं | असल में यही वो समय होता हैं जब बच्चे में संस्कार डालें जाये, वो जानवर नहीं हैं जो अपने आप बड़ा हो जायेगा, बड़ा हो भी गया तो जैसा उसको माहौल मिला वैसा ही बन जायेगा| अगर गालियां सुनते हुवे बड़ा हुआ तो वो भी देने लगेगा फिर ये नहीं देखेगा की सामने वाला पिता हैं या माँ हैं क्योंकि यहीं संस्कार तो आपसे मिले हैं| लोग बड़े होकर चोरियां करते हैं, पैसों के घोटाले करते हैं, Rape करते हैं, खून करते हैं| कानून इन सबको रोकने के लिए बहुत कुछ करता हैं लेकिन फिर भी ये सब हर साल बढ़ता जा रहा हैं जिसका कही न कही एक कारण हम ही हैं |
अपने बच्चों के संस्कारों का निर्माण कीजिये :- आप अपने बच्चों को school collage भेजते हैं ताकि वे अच्छी सी नौकरी पा सके लेकिन कभी आपने अपने बच्चों के चरित्र पर ध्यान दिया हैं? क्या आपने ध्यान दिया हैं की वो अपने से बड़ो के साथ कैसा व्यवहार करता हैं? लड़कियों के साथ कैसा व्यवहार करता हैं? अगर कोई बच्चा बड़ा होकर अपने से बड़ो को गाली दे या उनका सम्मान ना करें, महिलाओँ से गाली से बात करें तो वो कितना भी बड़ा अधिकारी बन जाये वो पशु के समान हैं, इसलिए आपको अपने बच्चों के संस्कारों का निर्माण करना होगा और यकीन मानिया संस्करों से आपके बच्चें का मान कई गुना बढ़ जायेगा, आपके संस्कार ही उसे महानता के उस शिखर तक ले जायेंगे जिसकी कल्पना आप नहीं कर सकते |
इसलिए मैं आपको 7 संस्कारों के बारे में बताने जा रहा हूँ जो की आपके बच्चों के चरित्र निर्माण में सहायता करेगी |
(1) अपने बच्चों को ताकत का सही इस्तेमाल करना सिखाएं (Teach your children how to use power to right way) :-
बच्चों को सिखाए कि यदि आपके पास ताकत हैं तो इसका ये मतलब नहीं की आप किसी के घर पर कब्जा करलें या लोगों को जबरदस्ती मारने पीटने लग जाये | क्या ताक़त का इस्तेमाल किसी को गिराने में ही किया जाता हैं उठाने में नहीं ! यदि आपके पास ताक़त हैं तो अपनी ताक़त का इस्तेमाल किसी को मारने के लिए नहीं बल्कि बचाने के लिए करो | यदि सक्षम हो तो भूखों को खाना खिलाओँ, बीमारों का इलाज कराओ, बेसहारा लोगों का सहारा बनो क्योंकि जिसके पास बड़ी ताक़त होती हैं उसी की बड़ी बड़ी जिम्मेदारी होती हैं |
(2) अपने बच्चों को जातिगत भेदभाव में ना उलझाए (Do not entangle your children in caste discrimination):-
काफी लोग अपने बच्चों के मन में बचपन से ही जातिवाद का जहर भरना शुरू कर देते हैं कि तुम उच्च जाति के हो, तुम्हे नीची जाती के लोगों के साथ नहीं रहना चाहिए, उनके हाथ का पानी भी नहीं पीना चाहिए क्योंकि इससे तुम्हारा गर्म भ्र्ष्ट हो जायेगा | असल में धर्म क्या हैं खुदको भी नहीं पता, धर्म इंसान की उन्नति, प्रगति के लिए बना हैं, धर्म इंसान के मन से अज्ञान को निकालकर ज्ञान भरने का नाम हैं, धर्म इंसानों को जोड़ने का काम करता हैं, धर्म जीवन को सही ढंग से चलाने कि एक व्यवस्था हैं | लेकिन कुछ दुष्ट लोगों के कारण धर्म की गलत व्याख्या की गयी हैं जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग धर्म को गलत समझ बैठे हैं जबकि धर्म कभी गलत था ही नहीं ! गलत वे लोग हैं जो इसकी गलत व्यख्या करते हैं | धर्म के नाम पर जातियां बनी और ये जातियां पीढ़ी दर पीढ़ी ऐसे ही लड़ती मरती आ रही हैं |
इसलिए आपको अपने बच्चों को इस लड़ाई से दूर रखना होगा | अपने बच्चों को सिखाना होगा कि हम सबको एक ही ईश्वर ने बनाया हैं, यहां कोई भी बड़ा या छोटा नहीं हैं बस अपने कर्मों से आप बड़े और छोटे हो सकते| हर इंसान अपने कर्मों से महान बनता हैं ना कि जाति से इसलिए अपने बच्चों को अच्छा कर्म करना सिखाये |
(3) जीवों के प्रति दया करना सिखायें (Teach kindness to living beings) :-
अपने बच्चों को सिखाइये कि सभी जीव कोई वस्तु नहीं जिसे खाया जाये, इन्हें भी उतना ही दर्द होता हैं जितना की तुम्हें चोट लगने पर होता हैं | जितना तुम्हे जीने का हक़ हैं उतना ही हक़ उनका भी हैं, और कौन कहता हैं की जीव बोल नहीं सकते हैं, सच बात तो ये हैं की तुम समझ नहीं सकते उनकी भाषा | इसलिए अपने बच्चों को दया करना सिखाइये, मदद करना सिखाये इंसान की हो चाहें जानवर की, इंसान दूसरों की मदद तब करता हैं जब वो उनके दुखों को महसूस करता हैं इसलिए अपने बच्चों में दया और करुणा का भाव जगाइए ताकि वो किसी और के साथ बुरा न कर सके |
(4) फालतू के Movies और Tv Serials देखना बंद करें (Stop watching useless Movies and Tv Serials):-
आजकल ज्यादातर movies और tv serials ऐसे हैं जो मनुष्य के जीवन को गलत दिशा में मोड़ने का काम कर रहें हैं | जिस चीज़ के कारण आपका जीवन बर्बाद हो सकता हैं उसी को Important बताने में काम कर रहे हैं | हर तरफ वासना ही वासना बच्चें हो या बूढ़े सब इसी के पीछे भाग रहे हैं | हमारे पारिवारिक रिश्तों को बहुत ही गलत ढंग से पेश किया जा रहा हैं जिसे देखकर देखकर आप ही के बच्चें धीरे धीरे जानवर बनते चले जा रहे हैं और आपको पता भी नहीं चल रहा, आपको तो उस दिन पता चलेगा जब ये जानवर कोई घटना कर देगा | इसलिए अपने बच्चों को इंसान बनाइये और जितना हो सके फालतू के Tv Serials और Movies से दूर रखें |
(5) महिलाओं का आदर करना सिखाएं (Teach to Respect Women) :-
आज कल हर देश हर जगह महिलाओं के साथ शोषण हो रहा हैं, हर साल ये संख्या बढ़ती जा रही हैं | इसका एक कारण ये भी है की हमने अपने बच्चों को महिलाओं का आदर करना नहीं सिखाया | इंसान अपने बच्चों को वैष्णो माता के लेकर जाता हैं, दुर्गा माता के लेकर जाता हैं पर उन्हें ये कभी नहीं सिखाता की हर महिला इन्हीं माताओं का एक रूप हैं | इनका भी उन्हीं के समान आदर करना चाहिए| जिस तरह आप अपनी माँ का आदर करते हैं अपनी बहन से प्रेम करते है ऐसा ही आदर ऐसा ही प्रेम सभी स्त्रियों को देना सिखाओ| जिससे आपका विवाह होगा उसके आलावा किसी और को अपने जीवन या मनमें ना आने दे |
(6) अपने बच्चों को हमेशा सच बोलना सिखाइये (Teach your kids to always tell the truth) :-
आपको अपने बच्चों को हमेशा सच बोलने की प्रेरणा देनी चाहिए जिससे आपका बच्चा ईंमानदार बन सकें | ये ईमानदारी आपके बच्चे को हर क्षेत्र में महान बनाएगी चाहे जीवन हो चाहे business | अगर हमारे देश का हर बच्चा बड़ा होकर ईमानदार होता हैं तो इससे काफी घोटाले होना बंद हो जायेंगे, भ्र्ष्टाचार समाप्त हो जायेगा काफी हद तक चोरियां डकैतियां भी रुक जाएगी |
(7) अपने बच्चों को रामायण दिखाए (Watching Ramayana to your kids) :-
हिन्दू धर्म का प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण हर बच्चें को पढ़ाया जाना चाहिए जानते हैं क्यों! क्योंकि इसमें आपको पिता पुत्र का प्रेम दर्शन मिलता हैं, माता पुत्र, भाई भाई, पति पत्नी इन सबका प्रेम दर्शन मिलता हैं और साथ ही कई प्रेरणा मिलती हैं जो आपको संस्कारी और गुणवान बनाएगी |
(i) पिता पुत्र का प्रेम दर्शन :- जब श्री राम जी 14 साल के वनवास के लिए जाते हैं तो उनके पिता राजा दशरथ जी अपने पुत्र के जाने पर अपने प्राण त्याग देते हैं ऐसा अनोखा प्रेम आज कहा देखने को मिलता हैं |
(ii) माता पुत्र का प्रेम दर्शन :- माता कैकई के कहने मात्र से बिना कोई सवाल किये श्री राम जी 14 साल के वनवास को चले जाते हैं ये भी नहीं कहते की उन्होंने ऐसा क्यों किया| इससे हमें प्रेरणा मिलती हैं हर पुत्र को अपनी माता पिता की आज्ञा का पालन करना चाहिए |
(iii) पति पत्नी का प्रेम दर्शन :- वनवास सिर्फ श्री राम को मिला था और श्री राम चाहते थे की सीता माता उनके साथ वन में ना जाये पर फिर भी माता सीता श्री राम के साथ वन में गयी क्योंकि यहीं एक पत्नी का धर्म होता हैं, दुःख में और सुख में अपने पति का साथ देना |
(iv)भाई भाई का प्रेम दर्शन :- वनवास मिला था श्री राम को, लक्ष्मण जी को वनवास जाने की जरूरत नहीं थी लेकिन वे अपने बड़े भाई से बहुत प्रेम करते थे, ऐसा प्रेम जो की राजमहल के सुखों को भी नहीं देखता, न ही वनवास के दुखों को देखता हैं | आज जहा भाई भाई का गला काट रहा हैं वो भी कुछ पैसों के लिए वही लक्ष्मण जैसा भाई हैं जो राजमहल को छोड़कर अपने भाई श्री राम के साथ वनवास जाते हैं | ऐसा भाई बनना बहुत कठिन हैं |
(v) भरत मिलाप दर्शन :- भाइयों के प्रेम का दूसरा उदाहरण भरत हैं जो कि रामायण महाकाव्य को गौरव से भर देता हैं, अयोध्या का पूरा राज्य मिल जाने पर भी भरत राज्य को अपना नहीं कहते और ना ही उनके मनमें कोई लालच आया क्योंकि उन्हें पता था की अयोध्या के राज्य पर बड़े भाई का अधिकार होता हैं | वे अपने भाई श्री राम के चरणों में अपना सर रखकर उन्हें उनका राज्य लौटा देते हैं |
इन सबमें सबसे बड़ी प्रेरणा हम सभी को श्री राम से लेनी चाहिए जिन्होंने माता के कहने मात्र से ही बिना कुछ सवाल किये 14 साल का वनवास स्वीकार कर लिया, माता सीता को जब रावण उठाकर ले गया था तब श्री राम चाहते तो 100 रानियाँ ला सकते थे अपने लिए पर उन्होंने ऐसा नहीं किया उनका प्रेम सिर्फ सीता माता के लिए था यही उनका पतिधर्म था | वे मर्यदापुर्षोत्तम राम हैं हमें भी उनकी तरह बनने की प्रेरणा लेनी चाहिए| यदि आप लड़के हैं तो आपको श्री राम जी का चरित्र अपनाना चाहिए और यदि आप लड़की हैं तो आपको सीता माता का चरित्र अपनाना चाहिए |
अब आप अपने बच्चें के चरित्र को गुणवान बनाना चाहते हैं आपको अपने बच्चें को रामायण पढ़ाना या दिखाना होगा | बच्चे पढ़ने में आनाकानि कर सकते हैं इसलिए उन्हें फिल्म के माध्यम से रामायण दिखाए |
अगर ये 7 संस्कार आप अपने बच्चों में डाल देते हैं तो यकीन मानिये आपका बच्चा ऐसा इतिहास रचेगा जिसे देखकर आपके परिवार, आपके समाज और देश को आपके बच्चें पर गर्व होगा|
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