मन को आज में कैसे रखें? How to keep your mind today
महेश जब डाॅक्टर बना तो उसकी खुशियों का कोई ठिकाना नहीं रह गया। उसके खानदान में वह पहला डाॅक्टर था। लोग उससे बहुत ज्यादा प्रभावित थे। डॉक्टर होने के नाते महेश की शादी भी एक डॉक्टर से हो गई थी। उसने अपना जीवन शानदार तरीके से जिया। उसे कोई भी तरह की परेशानी नहीं आई।
लेकिन एक बात जरूर थी जिससे कि वह चूक गया था। वह था खुलकर जीना। शायद वह अपनी जिम्मेदारियों में इतना ज्यादा उलझ गया था कि कब कैसे उसे बुढ़ापा आया उसे पता ही नहीं चला। जिन चीजों के मजे उसको बचपन में लेने थे वह सारी चीजें उसने पीछे छोड़ दी थी। उसका बचपन केवल जिम्मेदारियों के तले दब गया था। उसको यह तक पता नहीं चला कि उसका जीवन कैसे पलभर में बीत गया।
अंत में महेश को बहुत पछतावा होने लगा कि उसने अपने बीते हुए कल को खुलकर नहीं जिया। हम में से बहुत से लोगों के साथ ऐसा होता है। जीवन का पहिया बहुत तेज गति से चलता है। दिन से रात होती है और रात से दुबारा दिन हो जाता है। जीवन का यह चक्र लगातार चलता रहता है और हमारे हाथों से हर वह छोटे से छोटे पल निकलते जाते हैं जिन्हें हमें खुलकर जीना था। आखिर हम खुलकर क्यों नहीं जीते हैं। हमें जीवन को खुलकर जीने से आखिर क्या चीज़ रोकती है? तो आइए हम पोस्ट पढ़ना शुरू करते हैं।
मन को आज में कैसे रखें?
हर घड़ी को बदलते हुए देर नहीं लगती। इसी के ही साथ बदलता रहता है समय। समय को अपनी मुट्ठी में बांधकर नहीं रख सकते। वह तो फिसलता जाता है और फिर वह बीते कल में बदल जाता है। इसलिए जो आनंद आज में है वह कल में कहां। आज का दिन अगर सकुशल निकल गया तो मानो आपने उस खास पल को अच्छे से जी लिया। क्योंकि कल किसी ने भी नहीं देखा है। कल कौन जाने कि आखिर हमारे साथ क्या होगा। वर्तमान में जीने से ही सार है। आपको वर्तमान की नाव पर सवार होना होगा। जीवन का अर्थ इसी में ही छूपा है।
(1) खुद को जानने की कोशिश करें
अगर आप आज में जीना चाहते हो तो इसके लिए यह बहुत ही ज्यादा जरूरी है कि आप खुद को जानने की कोशिश करें। खुद को पहचानने में लोगों का पूरा जीवन निकल जाता है लेकिन वह यह बात समझ नहीं पाते। कहने का तात्पर्य यह है कि आप पूरे जीवन भर अपना समय नौकरी करते हुए निकाल देते हो। लेकिन जब बात आती है खुद के लिए समय निकालने की तो उस समय बहुत से युवा इस बात को हल्के में ले लेते हैं। इसलिए अगर खुद को जानना चाहते हो तो आपको वर्तमान में जीना सीखना होगा।
(2) अनेक प्रकार के विचारों को दिमाग से हटाएँ
वर्तमान में जीने की चाह रखते हो तो सबसे पहले इस बात पर फोकस करें कि आप अपने दिमाग में चल रही उथल पुथल को हटाएँ। हम मनुष्य हैं इसलिए यह वाजिब है कि हमारे दिमाग में अनगिनत विचार आएंगे। लेकिन हम बीते कल में हुई बातों को लेकर या फिर भविष्य को लेकर अगर चिंता करते रहेंगे तो हम जीवन को खुलकर नहीं जी पाएंगे। इसके लिए आपको अपने दिमाग को शांत रखना होगा। और यह कोशिश करनी होगी कि आप अपने दिमाग से हर प्रकार के नकारात्मक विचार त्याग दें।
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(3) अपनों के साथ समय बिताएँ
अगर आप चाहते हो कि आप आज को जी भरकर जियो तो उसके लिए आपको खुद के समय को सबसे कीमती चीज़ में निवेश करना होगा। जी, हाँ, यह कीमती चीज़ है आपका खुद का परिवार। आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में यह बेहद जरूरी हो गया है कि आप अपने परिवार के साथ अपना कीमती समय बिताएँ। आप जो पल अपने परिवार के साथ आज बिताओगे एक दिन वही पल आपको गुदगुदाएगा। जो लोग अपने परिवार के लिए समय नहीं निकाल सकते वह अपना जीवन अच्छे से नहीं जी पाते हैं। इसलिए आपको वर्तमान में जीने के लिए खुद के परिवार के लिए भरपूर समय निकालना होगा।
(4) हर दिन के लिए शुक्रगुजार हो
अगर आप अपने मन को आज में रखकर जीना चाहते हैं तो आपके लिए यह बहुत जरूरी है कि आप हर दिन के लिए शुक्रगुजार हो। आज आप सकुशल उठे उसके लिए ईश्वर को धन्यवाद दीजिये। आप सोचिए कि कहीं ऐसे भी घर हैं जहां पर लोगों ने आँख नहीं खोली और वह हमेशा के लिए सो गए। आपके जीवन में जो कुछ भी अच्छा घटित हो रहा है उसके लिए हर दिन के लिए आपको शुक्रगुजार होना होगा। आभार व्यक्त करने व्यक्ति खुलकर वर्तमान को जी सकेगा।
तो आज के हमारे इस पोस्ट में हमने यह सीखा कि हम वर्तमान में रहकर कैसे जी सकते हैं। मन को आज में रखना बहुत जरूरी है। आशा करते हैं की आपको हमारी “मन को आज में कैसे रखें?” पोस्ट पसंद आयी होगा। आप हमें social media पर भी follow कर सकते हैं CRS Squad, Think Yourself और Your Goal