विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी – Emotional story in Hindi
आज हम लेकर आये हैं विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी। हम किसी से एक मुलाकात के बाद ही, यह निर्णय बना लेते हैं कि वह कैसा इंसान है । लेकिन एक मुलाकात या आधी-अधूरी बात कभी यह तय नहीं करती, कि वह इंसान कैसा है । इसलिए हमें कभी-भी लोगों को जज नहीं करना चाहिए । उस इंसान की प्रतिक्रिया के पीछे, उसकी क्या भावना रही है, इसका हमें ठीक अंदाजा नहीं होता । शुरू करते हैं आज की विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी “दूसरों को जज करना बंद करो ।“
विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी
एक कॉलेज में एक प्रोफेसर थे । वह क्लास में गए और बच्चों को एक कहानी सुनाने लगे । सभी कहानी सुनने के लिए बहुत उत्सुक थे ।
प्रोफेसर बोले- बच्चों! आज मैं तुम्हें एक कहानी सुनाने वाला हूंँ । एक बहुत बड़ा समुद्र था । जिसमें एक बहुत बड़ा जहाज था। जिसमें तकरीबन तीन-सौ लोग होंगे । अचानक जहाज चलाने वाले चालक को पता चला, कि जहाज मे कुछ खराबी के चलते जहाज डूबने वाला है । ऐसी स्थिति में उन्होंने लाइफ-बोट का इंतजाम करवाया ताकि वह सब की जान बचा सके।
कुछ ही देर में लाइफ-बोट लोगों की मदद के लिए आ गई । सभी लोग लाइफ-बोट पर बैठने लगे । अंत में सिर्फ दो लोग बचे थे जिन्हें लाइफ-बोट पर बैठना था । लेकिन लाइफ-बोट पर सिर्फ एक ही व्यक्ति बैठ सकता था । वे दो लोग एक कपल थे, तभी पति ने तुरंत छलांग मारी और लाइफ-बोट मैं बैठ गया और उसकी पत्नी वही जहाज पर रह गई । जैसे ही जहाज डूबने वाला था । पत्नी ने अपने पति से डूबते हुए कुछ कहा, फिर उसकी मृत्यु हो गई ।
प्रोफेसर बोले- क्या, तुम में से कोई मुझे बता सकता है! पत्नी ने डूबते हुए अपने पति से क्या कहा होगा ?
एक छात्र बोला- सर! उसने अपने पति को जरूर कोसा होगा कि वह उसे छोड़कर खुद लाइफ-बोट पर चढ़ गया ।
दूसरा छात्र बोला- हाँ! सर उसने यही कहा होगा, कि तुम ऐसे इंसान हो मुझे आज पता चला ।
ऐसा करते हुए बहुत सारे छात्रों ने जवाब दिए । एक छात्र वहां पर चुपचाप बैठा हुआ, कुछ सोच रहा था, तभी प्रोफेसर की नजर उस छात्र पर पड़ी ।
प्रोफेसर बोले- तुम क्यों इतने शांत दिखाई दे रहे हो? तुमने अपना कोई जवाब नहीं दिया । क्या लगता है पत्नी ने डूबते हुए अपने पति से क्या कहा होगा ?
छात्र बोला- सर, उसने यही कहा होगा, कि मैं तो मर रही हूंँ मेरे बाद मेरे बच्चों का ख्याल रखना ।
प्रोफेसर उस छात्र का जवाब सुनकर हैरान रह गए, वह बोले- तुमने बिलकुल सही उत्तर दिया । उसकी पत्नी ने यही जवाब दिया था, पर तुमने कैसे अंदाजा लगाया?
छात्र बोला- सर, कुछ वर्ष पहले मेरी मां की मृत्यु हो गई थी और मरने से पहले उन्होंने मेरे पिताजी से यही कहा था कि बच्चों का ख्याल रखना । मैं इसलिए उस औरत की मन की समस्या को समझ पाया ।
प्रोफेसर बोले- बिल्कुल सही! तुम उस औरत के मन के भाव को तो समझ गए, लेकिन कहानी के माध्यम से बहुत कुछ समझना बाकी है । अभी कहानी खत्म नहीं हुई है । तुम लोग जानना नहीं चाहोगे, कि आगे कहानी में क्या हुआ?
सभी छात्रों ने एक साथ हां मैं उत्तर दिया ।
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प्रोफेसर बोले- उस व्यक्ति की पत्नी की तो मृत्यु हो गई । इसके बाद पति ने पत्नी की बात पूरी तरह से मानी । उनकी एक बेटी थी उसका लालन-पालन उस व्यक्ति ने बहुत अच्छे तरीके से किया । उसे पढ़ाया-लिखाया काबिल इंसान बनाया और एक बहुत अच्छे घर में उसकी शादी भी कर दी । अब उस व्यक्ति की भी उम्र हो चली थी, तो उसकी भी मृत्यु हो गई ।
बेटी अक्सर अपने मां-बाप दोनों को याद किया करती थी ।
एक दिन वह उनके कमरे में उनकी पुरानी चीजों को देख रही थी । तभी उसके हाथ एक डायरी लगी, जिस पर उसके पिताजी ने अपने जीवन की हर बात लिखी हुई थी ।
बेटी ने बड़ी उत्सुकता और भावुकता के साथ उस डायरी को पढ़ा, लेकिन अंत तक आते-आते उसको ऐसी बात पता चली जो कि उसके लिए जानना जरूरी था ।
पति ने पत्नी को क्यों मरने दिया
उस व्यक्ति ने अपनी डायरी में उसकी मां की मृत्यु की अंतिम घटना लिखी हुई थी और अपना दुख व्यक्त किया हुआ था, कि आख़िर उन्हें अपनी पत्नी को छोड़कर अपनी जान क्यूँ बचानी पड़ी ।
उसमें यह लिखा था कि उसकी पत्नी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब थी । डॉक्टर ने कह दिया था, कि वह बस चंद महीनों की मेहमान है । पति को पता था कि कुछ ही वक्त बाद उसकी पत्नी की मृत्यु होने वाली है । अगर वह पत्नी को बचाएगा तो, कुछ वक्त बाद ही उसकी मृत्यु हो जाएगी और ऐसे में उसकी बेटी की देखभाल कौन करेगा ।
इसलिए उसने एक कठिन निर्णय लिया और खुद को बचाया और पत्नी को अपनी आँखों के सामने मरने दिया । उसे इस बात का बहुत दुख था, वह तो चाहता था कि वह अपनी पत्नी के साथ ही इस समुद्र में डूब जाए । लेकिन अगर ऐसा करता तो बेटी का ख्याल कौन रखता इसलिए उस दिन एक कठिन फैसला लेना पड़ा।
इस तरह बेटी ने यह डायरी पड़ी और उसकी आंखों से आंसू गिरने लगे और इस तरह यह कहानी समाप्त हो गई ।
एक छात्र बोला- सर, तो यह बात थी । मैंने तो उस व्यक्ति को जज कर लिया था । कि वह कितना स्वार्थी व्यक्ति है, जिसने अपनी पत्नी को यूं ही मरने के लिए छोड़ दिया और खुद अपनी जान बचा ली ।
दूसरा छात्र बोला- हाँ! मेरे मन में भी यही बात थी, कि कैसा पति है खुद की ही फिक्र है ।
प्रोफेसर बोले- बच्चों! इससे तुम लोगों को क्या सीखने को मिलता है, कि कभी-भी किसी को जज नहीं करना चाहिए। क्योंकि हमें नहीं पता, सामने वाली की जिंदगी मैं क्या मुसीबत है । इसलिए हमेशा दूसरों के प्रति सहानुभूति रखो ।
कहानी से शिक्षा
यह कहानी हमें यह बताती है कि थोड़े समय के व्यवहार या गुस्से को देखकर, आप कभी किसी को जज मत करो । क्योंकि उसकी मन की स्थिति में वह किन जटिल समस्याओं का सामना कर रहा है, हमें नहीं पता होता । इसलिए हमें बड़े ही धैर्य से लोगो को वक्त देना चाहिए ताकि उन्हें संभलने का मौका मिले । और किसी भी बात पर जल्दी से अपनी प्रतिक्रिया देने से बचना चाहिये ।
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