तीन फ़कीरो की कहानी | Inspirational story in Hindi
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आज हम तीन फकीरों की कहानी लेकर आए हैं । जिसमें हम जानेंगे, कि ईश्वर प्राप्ति के लिए कोई खास विधि (नियम) की आवश्यकता नहीं है, बल्कि मनुष्य को वह मन चाहिए। जो ईश्वर के प्रति समर्पित हो।

तीन फ़कीरो की कहानी | Inspirational story in Hindi

एक नगर में तीन फकीर काफी प्रसिद्ध हो गए थे। सभी लोग उनको बहुत मानते थे और उनके ही पास जाया करते थे । वहीं पर एक चर्च था । जिसमें एक पादरी था । पादरी ने जब उन तीन फकीरों के बारे में सुना, तो उसे उन तीन फकीरों से ईर्ष्या हो गई, क्योंकि उनके कारण पादरी के चर्च में लोगों ने आना बंद कर दिया था । वह सोचने लगा ईसाइयत के अनुसार, जो मनुष्य ईसाइयत की शिक्षा लेता है वही पादरी या संत बनने के लायक होता है । बिना किसी शिक्षा के ये लोग कैसे इतने प्रसिद्ध हो गए।

उसके मन में उन तीन फकीरों से मिलने की इच्छा उत्पन्न हुई । वह तीनों फकीर झील के उस पार रहा करते थे । झील पार करने के लिए नाव की जरूरत थी, इसलिए पादरी ने नाव की व्यवस्था करी और उसमें बैठकर फकीरों से मिलने के लिए चला गया ।

जैसे ही वह वहाँ पहुंचा । उसने देखा तीनों फकीर पेड़ के नीचे बैठे हुए थे । उन्हें देखते ही उसने पूछा- क्या तुम ही हो वह तीन फकीर , जो लोगों में प्रसिद्ध है ?
यह सुनकर फकीर कहने लगे। अरे हम कहां प्रसिद्ध है, हमें तो लोगों ने यूं ही प्रसिद्ध बना दिया है । हम इसके लायक नहीं है । हम लोगों से हमेशा मना करते हैं । हमारे पास मत आया करो लेकिन वे मानते ही नहीं है।

यह सुनकर पादरी मन ही मन खुश हुआ । अरे ! यह तो साधारण से लोग हैं । मैं ऐसे ही इनसे डर रहा था , इनको तो मैं अभी सबक सिखा दूंगा।

पादरी ने पूछा – तुम तीनों आखिर करते क्या हो?
फकीरों ने कहा-
कुछ नहीं, हम तो इस पेड़ के नीचे बैठकर ईश्वर की प्रार्थना करते हैं।
पादरी ने कहा-
तुम्हारी बाइबल किधर है?
फकीरों ने कहा- हमारे पास कोई बाइबल नहीं है! हमे तो पढ़ना तक नहीं आता।
यह सुनकर पादरी का आत्मविश्वास बढ़ गया ।
अरे यह तो अनपढ़ लोग है । फिर भी लोगों को मूर्ख बना रखा है।

पादरी ने कहा– तुम लोगों को चर्च की कोई प्रार्थना तो याद होगी ? किस प्रकार तुम ईश्वर को याद करते हो?
फकीरों ने अपना सर नीचे झुका लिया और लजाते हुए कहा – हमें कोई प्रार्थना नहीं आती। चर्च की प्रार्थना इतनी लंबी-चौड़ी होती है । हम ठहरे अनपढ़ , हमें तो याद ही नहीं होती, इसलिए ईश्वर को याद करने के लिए, हमने अपनी ही प्रार्थना बना रखी है।

यह सुनकर पादरी चौका, अरे! प्रार्थना तो प्राचीन होती है सर्व मान्य होती है । तुम लोग तो बड़े मूर्ख हो। तुम लोगों ने अपनी ही प्रार्थना बना ली । बताओ क्या है तुम्हारी प्रार्थना?
फकीरों ने कहा- हमने सुना है बाइबल मे तीन प्रकार की पद्धति प्रचलित है, इसलिए हमने इसको ध्यान मे रखकर प्रार्थना बनाई है। “हम भी तीन, तुम भी तीन! ईश्वर कृपा करो । “
यह सुनकर पादरी जोरों से हंसने लगा, कहने लगा तुम लोग भी अद्भुत मूर्ख हो ।

फकीर कहने लगे– हमें कोई प्रार्थना नहीं आती । प्रार्थना इतनी कठिन होती है कि हम तो उसे भी याद नहीं रख पाते । कृपया कर के आप हमें चर्च की प्रार्थना सिखाए।
यह सुनकर पादरी कहने लगा ठीक है । पादरी ने प्रार्थना सुनाई, लेकिन फकीरों को कुछ समझ नहीं आया । उन्होंने बोला कृपा करके आप हमें फ़िर सुनाइए । पादरी ने दोबारा सुनाया । फकीरों ने फिर कहा- आप हमें दोबारा सुनाइए । पादरी ने फिर से प्रार्थना सुनाई।

पादरी कहने लगा- चिंता मत करो । तुम रोज़ चर्च आया करो । मैं तुम्हें धीरे-धीरे सब सिखा दूँगा। तीनों फकीरों ने पादरी का आभार व्यक्त किया।
(पादरी मन ही मन घमंड से फूल उठा ।)

पादरी नाव पर बैठकर चर्च की तरफ जाने लगा । वह झील के बीचो-बीच पहुंचता है, तो क्या देखा है। वह तीनों फकीर भागते हुए उसके पास आ रहे हैं। वह ऐसा कुछ देखता है, जिससे की उसकी आंखें फटी की फटी रह जाती है। तीनों फकीर झील पर ऐसे चल रहे होते हैं जैसे कि वह जमीन पर चल रहे हैं । पादरी सोचने लगता है, ऐसा चमत्कार तो सिर्फ जीसस ही कर सकते हैं।

तीनों नाव के पास पहुंचते हैं और कहने लगते हैं कृपा करके आप हमें वह प्रार्थना दोबारा बता दें ।
हम तीनों में बहस हो गई है । यह कहता है कि प्रार्थना ऐसी थी और मैं कहता हूँ प्रार्थना ऐसी थी और यह तीसरा कहता है कि नहीं प्रार्थना तो ऐसी थी । अब हम तीनो प्रार्थना करें या प्रार्थना क्या थी, इस पर वक़्त बर्बाद करे। इसलिए कृपा करके जाते-जाते हमें एक बार फिर वह प्रार्थना सुना दें ।

पादरी को अपनी गलती का एहसास हुआ। वह तुरंत ही तीनों के पांव पड़ गया, कहने लगा मेरी प्रार्थना गलत है । आप तीनों की प्रार्थना सही है । मैं समझ गया हूंँ । ईश्वर प्राप्ति के लिए हमें किसी पद्धति या नियम की जरूरत नहीं होती बस सिर्फ श्रद्धा की जरूरत होती है । यह मुझे आप तीनों में दिखा गया है।

मैं समझता था कि मैंने बाइबल की विधिवत शिक्षा प्राप्त कर ली है, तो मैं सबसे बड़ा ज्ञानी हूं । लेकिन अब मैं समझ चुका हूंँ कि कुछ भी रट लेने से व्यक्ति ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकता । ज्ञान उसे होता है जो आप लोगों की तरह प्रार्थना करते हैं ।” ईश्वर को याद करते हैं और किसी भी शब्द- क्रिया आदि कि आप लोगों को जरूरत नहीं होती । आप सिर्फ श्रद्धा द्वारा ही ईश्वर को पा चुके हो।” कृपया करके मुझे माफ कर दे । मुझ में घमंड आ चुका था। आप तीनों ने मेरे घमंड को चूर कर दिया है। अब शायद सच में, मैं बाइबल और ईश्वर को समझ पाऊंगा।।

शिक्षा- यह कहानी हमे यह समझाती है कि ईश्वर प्राप्ति के लिए हमे किसी पद्धति की आवश्यकता नही होती, अपने समर्पण और निश्छल प्रेम द्वारा हम ईश्वर को बड़ी ही आसानी से प्राप्त कर सकते है।

उम्मीद करते हैं आपको हमारी Inspirational story in Hindi “तीन फ़कीरो की कहानी” पसंद आयी होगी ।

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