असंभव को संभव कर दिखाने वाली स्वामी विवेकानंद की 6 कहानियाँ: Motivational Stories of Swami Vivekananda
Motivational Stories of Swami Vivekananda: स्वामी विवेकानंद ने अपना जीवन आदर्शो के साथ जिया हैं। अपने साथ साथ उन्होंने और भी लोगो को आदर्शो के साथ जीने के लिए प्रेरित किया हैं। उनकी बाते और सीखें युवाओ के लिए अनमोल हैं। अगर आप उनके बताए हुए रास्तो पर चलते हैं तो आपको सफलता के साथ साथ लोगो का प्यार भी मिलेगा। स्वामी विवेकानंद ने अपन सीख में बताया हैं की हम अपने आप को एक बेहतर इंसान कैसे बना सकते हैं।
इसके साथ ही वे आपको जीवन जीने के कुछ तरीके भी बताते हैं जिनकी सहायता से आप सफलता की सीडी चढ़ सकते हैं। आज की इस पोस्ट में हम आपको स्वामी विवेकानंद के जीवन के कुछ आदर्शो (Motivational Stories of Swami Vivekananda) और सीख से परिचित करा रहे हैं जिनको पढ़ने के बाद शायद आपके जीवन जीने के तरीके बदल जाए।
6 Motivational Stories of Swami Vivekananda: स्वामी विवेकानन्द की प्रेरक कहानियाँ
1. पेट की ज्वाला से बढ़कर है मानवता: स्वामी विवेकानंद का संदेश
एक बार जब स्वामी विवेकानंद अमरीका में महिला के घर पर ठहरे हुए थे। विवेकानंद जी वहां पर स्वंय ही खाना बनाते हैं। जब एक बार विवेकानंद जी खाना खा रहे थे तो कुछ भूखे बच्चे उनके पास आकर खड़े हो गए। उन्हें देखकर विवेकानंद जी ने अपना सारा खाना उन भूखे बच्चो को दे दिया। जिसको देखकर उस घर की मकानमालिक (महिला) ने उनसे पुछा आपने अपना पूरा भोजन तो उन्हें दे दिया।
अब आप क्या खाओगे? जिसको सुनकर विवेकानंद जी ने कहा कि रोटी तो केवल पेट की ज्वाला शांत करने के लिए हैं। ये मेरे पेट में न गयी तो क्या हुआ उनके पेट में ही सही। किसी को देने में जो आनंद (Motivational Stories of Swami Vivekananda) मिलता हैं वो किसी और चीज में नहीं।
2. मुसीबतों से भागो नहीं, उनका सामना करो (Motivational Stories of Swami Vivekananda)
स्वामी विवेकानंद एक बार बनारस के एक मंदिर से निकल रहे थे तभी बहुत सारे बंदरों ने उनको घेर लिया। विवेकानंद जी खुद को नबंडरो से बचाने के लिए भागे परन्तु उन बंदरो ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। उनके पास में ही एक वृद्ध संन्यासी खड़े थे उन्होंने विवेकानंद जी से कहा रुको, भागो मत और उनका सामना करो!’ उनकी बात सुन्ते ही विवेकानंद तुरंत पलटे। फिर वे बंदरों की तरफ बढऩे लगे। विवेकानंद जी को अपनी और आते देख सारे बंदर डर गए और भाग गए।
इस घटना से विवेकानंद ज ने एक सीख ली कि हमे मुसीबत में डर कर नहीं भागना चाहिए बल्कि उसका सामना करना चाहिए। उसके बाद उन्होंने अपने एक संबोधन में कहा की ‘यदि आपको किसी चीज से दर लग रहा हैं तो आप डरो मत बल्कि उसका सामना करो। शायद वो मुसीबत उतनी बड़ी न हो जितनी हमे दिख रही हो।
3. गलत दिशा में भागने से बचें, सफलता मिलेगी (Motivational Stories of Swami Vivekananda)
एक बार एक व्यक्ति ने विवेकानंद जी से कहा कि मैं मेहनत के बाद भी बलकुल भी सफल नहीं हो पा रहा हूँ। उस व्यक्ति की ये बात सुनकर विवेकानंद जी ने अपने कुत्ते को सैर करा कर लेकर आने के लिए कहा। वह व्यक्ति जब अपने कुत्ते को सैर करा कर ले आया तब उसका कुत्ता काफी थका हुआ था परन्तु व्यक्ति के चेहरे पर चमक थी। जिसको देखकर विवेकानंद जी ने उससे इसका कारण पुछा तो उस व्यक्ति ने बताया कि मैं तो सीधे रास्ते पर ही चल रहा था परन्तु कुत्ता गली के कुत्तों के पीछे भागने लगा था।
जिसको सुनकर विवेकानंद जी ने उसको बताया की तुम अपनी मजिल की तरफ जाने की बजाय दूसरों के पीछे भागते हो इसलिए तुम तहक जाते हो। अपनी मजिल का रास्ता और उस तक तुम्हे खुद ही जाना हैं।
4. अनावश्यक चीजों को त्याग कर सादा जीवन जिए
विवेकानंद जी सादा जीवन जीने जीते थे और उसके ही पक्ष में थे। विवेकानंद जी जिंदगी के भौतिक साधनों (Motivational Stories of Swami Vivekananda) से हमे दूर रहने के की सीख दी हैं। वे सवंय भी इन सब संसाधनों से दूर रहते थे। उनका कहना था की अगर आप कुछ पाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको पहले अनावश्यक यानी जो चीजे जरूरत की नहीं हैं उनका त्याग करना चाहिए। हमे वही वस्तुए खरीदनी चाहिए जिसकी हमे जरूरत हैं। क्योकि भौतिकतावादी सोच हमारे लालच को बढ़ाकर हमे हमारी मंजिल से दूर कर सकती हैं।
5. दिखावे से दूर रहकर अपनी संस्कृति के करीब जाए
एक बार स्वामी विवेकानंद जी विदेश जा रहे थे तब उनसे पुछा कि ‘आपका बाकी सामान किधर है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी बात सुनकर कुछ लोगो ने उनसे मजाक किया और कहा कि किस तरह की संस्कृति हैं आपकी। आपने केवल एक भगवा चादर ही तन पर लपेटी हुई हैं।
तब उसके जवाब में विवेकानंद जी ने कहा क्या आपकी संस्कृति का निर्माण आपके दरजी करते हैं? परन्तु हमारे यहाँ पर संस्कृति का निर्माण इंसान के वस्त्र नहीं बल्कि उसका चरित्र करते हैं। जिसे सुनकर उसने व्यंग करने वालो के पास कोई जवाबी नहीं रहा।
6. मन की एकाग्रता, जीवन की सफलता (Motivational Stories of Swami Vivekananda)
एक बार अमरीका में घूमते हुए स्वामी विवेकानंद ने देखा कि कुछ लड़के पुल पर खड़े होकर नदी में तैर रहे कुछ अंडे के छिलकों के ऊपर बंदूक से निशाना लगा रहे हैं। परन्तु उन लड़को में से किसी का भी निशाना नहीं लग रहा था। जिसके देखकर स्वामी विवेकानंद ने एक लड़के से बंदूख ली और सवंय निशाना लगाने लगे। उनक भी पहला निशाना सही नहीं लगा परनतु उसके बाद उन्होंने 12 निशाने एक दम सही लगाए।
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जिसे देखकर उन लडक़ों ने विवेकानंद जी से पूछा आपने ये सब कैसे किया? तब उन्होए कहा की तुम जो बह काम कर रहे हो अपना पूरा ध्यान और दिमाग वही पर लगाओ। तुम्हारा पूरा ध्यान अपने लक्ष्य की तरफ होना चाहिए तब तुम्हारा निशाना कभी भी नहीं चुकेगा।
आज की इस पोस्ट में हमने आपको Motivational Stories of Swami Vivekananda: असंभव को संभव कर दिखाने वाली स्वामी विवेकानंद की 5 कहानियाँ बताई हैं। आशा करते हैं की आपको पसंद आई होंगी।