5 प्रेरणादायक कहानियाँ | Short Motivational Story in Hindi

5 प्रेरणादायक कहानियाँ
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आज हम आपके लिए लेकर आये हैं बेहतरीन 5 प्रेरणादायक कहानियाँ जिनसे आपको बहुत कुछ सिखने को मिलने वाला हैं ।

1. कंचे और टॉफियां: एक ईमानदारी भरी कहानी – (5 प्रेरणादायक कहानियाँ)

5 प्रेरणादायक कहानियाँ

एक बार दौ बच्चें गार्डन में अलग अलग खेल रहे थे । दोनों बच्चों में एक लड़का था जो कि कंचों (कांच की गोलियां) से खेल रहा था और दूसरी तरफ़ लड़की थी जो झूला झूल रही थी । लड़की की जेब में काफ़ी सारी टॉफ़िया थी और वह टॉफी खा भी रही थी । तभी लड़की की नज़र उस लड़के पर पड़ी जो कंचो से खेल रहा था ।

लड़की ने पहले कभी कंचे नहीं देखें थे तो उसे कंचे बहुत पसंद आ गए । लड़की उस लड़के के पास जाकर उससे बोली, “क्या तुम मुझे कंचे दे सकते हो?”
लड़के ने उस लड़की को कंचे देने से साफ़ मना कर दिया । तब लड़की ने कहा अगर तुम मुझे कंचे दोगे तो मैं तुम्हें अपनी टॉफी दूंगी ।

लड़के ने कुछ देर सोचा और उससे बोला, “ठीक हैं! लेकिन मेरी एक शर्त हैं। तुम अपनी जेब की सारी टॉफी मुझे दो और मैं तुम्हें अपने जेब के सारे कंचे दे दूंगा ।”
लड़की ख़ुशी ख़ुशी मान गयी । लड़की ने अपनी जेब से सारी टॉफ़िया निकाली और लड़के को दे दी ।

लड़का थोड़ा चालक था । उसने अपने ज़ेब में हाथ डाला और सिर्फ़ आधे कंचे बाहर निकालकर लड़की को दे दिए और बोला, “ये लो मेरे सारे कंचे ।”

लड़की कंचो को पाकर बहुत खुश हुई और ख़ुशी ख़ुशी अपने घर चली गयी ।

लड़का भी अपने घर आ गया । अब रात को सोते समय लड़के को ख्याल आया । जिस तरह मैंने उस लड़की को आधे कंचे दिए थे, कही उस लड़की ने भी मुझे आधी टॉफी देकर उल्लू तो नहीं बना दिया । यह सोच सोचकर उसका दिमाग़ ख़राब हो गया । वह पूरी रात बेचैन रहा और सो नहीं पाया ।

दूसरी तरफ वह लड़की थी जिसको आज कंचे मिले और वो उन कंचो को सीने से लगाए आराम से सो रही थी ।

तो दोस्तों इस कहानी से हमें सीखनें को मिलता हैं कि यदि आप ईमानदार रहते हैं तो आप हमेशा चैन से रहेंगे । बईमान लोग कभी भी चैन से नहीं रह पाते हैं ।

2. एक बुद्धिमान लड़की की मुश्किल वक्त में धैर्य नहीं खोने की कहानी – (5 प्रेरणादायक कहानियाँ)

किसी शहर में एक व्यक्ति रहता था जिसने एक बिजनेस की शुरुवात की थी। उस व्यक्ति को बिजनेस में काफ़ी नुकसान उठाना पड़ा तो उसने ब्याज पर पैसें उधार लिए।

जिससे पैसा उधार लिया उसे दे नही पा रहा था । एक दिन पैसा मांगने वाला व्यक्ति पैसे लेने के लिए अड़ गया। बिजनेसमेन ने उससे थोड़ा और समय माँगा लेकिन उस व्यक्ति ने समय देने से इंकार कर दिया क्योंकि उसे बिजनेस मैन की बेटी हासिल करनी थी, वह उससे शादी करना चाहता था।

उस दिन बूढ़े व्यक्ति ने बिजनेस मैन से कहा, “मैं सारे कर्ज माफ कर दूंगा अगर तुम अपनी बेटी की शादी मुझसे करवा दो।” बिजनेस मैन ने उसे इस बात से इंकार कर दिया क्योंकि पैसा मांगने वाला आदमी बूढ़ा था ।

तब उस बूढ़े व्यक्ति ने एक और ऑफर रखा और कहा, “चलो एक खेल खेलते हैं जिसमें एक छोटी सी पोटली में मैं दो पत्थर डालूंगा। एक सफ़ेद पत्थर तो दुसरा काला पत्थर होगा। तुम्हारी बेटी को उस पोटली से एक ही पत्थर निकालना है। अगर उसने सफेद पत्थर निकाला तो मैं सारे पैसें माफ कर दूंगा और शादी भी नहीं करनी पड़ेंगी। और अगर काला पत्थर निकल गया तो कर्ज तो माफ कर दूंगा लेकिन मुझसे शादी करनी पड़ेंगी।

यह सुनकर लड़की का पिता यानि उस बिज़नेस मेन ने सोचा, मैं हां भी नहीं कर सकता क्योंकि बेटी की ज़िंदगी का सवाल हैं, और बूढ़ा आदमी बिना पैसे लिए आज यहाँ से जाने वाला नहीं, तो क्या किया जाये । पिता ये सब सोच ही रहा था की उसकी बेटी ने इस खेल के लिए हाँ करदी ।

अगले दिन पूरे गांव वाले, मुखिया-सरपंच सब इकट्ठा हो गए। सभी के सामने बूढ़े व्यक्ति ने जमीन से उठाकर दो पत्थर पोटली में डालें।
जब वह बूढ़ा आदमी पोटली में पत्थर डाल रहा था तभी उस लड़की ने देखा लिया की पोटली में दोनो ही पत्थर काले डालें जा रहे हैं। काला पत्थर यानि कर्ज तो माफ हो जायेगा लेकिन शादी करनी पड़ेगी।

अब लड़की के सामने तीन रास्ते थे ।
(i) अगर वह गेम खेलने से मना कर देती हैं तो शादी करने से तो बच जाती लेकिन उसके पिता का कर्ज माफ नही होता।
(ii) अगर वह दोनों पत्थर निकाल दे और बूढ़े व्यक्ति की बेइज्जती करे तो वह क़र्ज़ तो लेगा ही साथमें कभी न कभी बदला जरुर लेगा।
(iii) चुप रहें और कोई भी एक ब्लैक पत्थर निकाले और उस बूढ़े व्यक्ति से शादी कर लें।

लड़की बहुत होशियार थी । लड़की ने हार नही मानी, उसने कुछ सोचा और खेल के लिए तैयार हो गयी। उसने पोटली में हाथ डालकर एक पत्थर को बाहर निकाला और ज़मीन पर जानबूझ कर गिरा दिया। वह पत्थर नीचे गिरा और बहुत सारे सफ़ेद और कालें पत्थरों में मिल गया।

लड़की ने माफी मांगते हुए कहा ये तो मुझसे गलती से नीचे गिर गया, लेकिन एक काम करते हैं। इस पोटली में दो पत्थर थे एक काला और एक सफ़ेद। अब दुसरा पत्थर पोटली से निकाल कर जांच कर लेते है। अगर पोटली में से सफ़ेद पत्थर निकला तो जो मैने उठाया था वह काला होंगा। अगर पोटली से काला पत्थर निकला तो जो मैने उठाया था वह सफ़ेद होंगा।

वहां खड़े सभी लोगों ने उसकी हां में हां मिलाई और बूढ़ा व्यक्ति वही पर फस गया । इसके बाद पोटली से दुसरा काला पत्थर निकाला गया जिससे साबित हुआ नीचे गिरा हुआ पत्थर सफ़ेद था । इसके बाद शर्त के मुताबित बूढ़े को क़र्ज़ माफ़ करना पड़ा और लड़की को शादी भी नहीं करनी पड़ी ।

इस कहानी से हमें सिखने मिलता हैं कि कठिन से कठिन परिस्थिति में भी धैर्य नहीं खोना चाहिए और समझदारी से काम लेना चाहिए जैसा उस लड़की ने किया। दिमाग लगा कर किसी भी मुश्किल से बाहर निकला जा सकता हैं। किसी ने सच ही कहा है मन के हारे हार और मन के जीते जीत। लड़की ने हार नहीं मानी और इस खेल को जीत लिया।

3. हर दिन को महत्वपूर्ण समझो – (5 प्रेरणादायक कहानियाँ)

बहुत समय पहले की बात है। एक बार एक लड़का अमीर बनना चाहता था और वो अपने गुरूजी से कहता हैं एक काम बताइए जिससे मैं बहुत कमा संकू।

गुरू जी उसे एक जगह ले गए जहां बहुत सारे कंकड़ पड़े थे और बोले इन सारे कंकड़ में से एक कंकड़ ऐसी हैं जो किसी भी चीज को सोने में बदल सकती हैं और उस कंकड़ की पहचान हैं वह गर्म होंगी बाकि सभी कंकड़ ठंडे होंगे।

ढूढ़ो और ले लो उस कंकड़ को जो हर चीज़ को सोने में बदल देती हैं।

वह लड़का काम पर लग गया। रोज एक-एक कंकड़ हाथ में लेता दो से तीन सेकंड हाथ में रखता और समुंद्र में फेक देता ताकि वह बाकि कंकड़ में न मिल जाएं।

इस काम में वह रोज घंटो-घंटो लगा दिया, दो महिने, तीन महिने, चार महिने लगा दिया और अब उसकी इस काम में स्पीड बन चुकी थी । हाथ में कंकड़ लेता बिना परखे फटाफट से कंकड़ को समुंद्र में फेक देता था उसकी यही आदत बन चुकी थी।

पांचवे महिने में, वह कंकड़ उसके हाथ लग गई। हाथ में आते ही दो से तीन सेकंड बाद वह समुंद्र में फेक दिया। क्योंकि उसके फेकने की आदत बन चुकी थी तो उसने गर्म कंकड़ को भी समुंद्र में फेक दिया। फेकते ही उसने अपने सिर पर जोर से मारा और कहा- मैने ये क्या कर दिया? हर चीज को सोने में बदलने वाली कंकड़ को फेक दिया।

वह तुरंत दौड़कर अपने उन्हीं गुरु के पास जाता हैं जिसने कंकड़ की सलाह दी थी। लड़के ने गुरु से कहा, “आपने जिस कंकड़ के बारे में बताया था वो मुझे मिला लेकिन गलती से मैंने उसे समुद्र में फेंक दिया। अब मैं क्या करू ?”
गुरु ने पूछा, “क्या तुम्हें पूरा यकीन हैं कि वो वही गर्म कंकड़ था ।”

लड़के ने कहा, “हाँ मुझे पूरा यकीन हैं वो वही गर्म कंकड़ था और मैंने उसे गलती से समुद्र में फेंक दिया ।”
तब गुरु ने समझाया, “तुमने उस कंकड़ को गलती से नहीं फेंका बल्कि तुम्हारी रोज़ाना की आदत ने उसे पानी में फेंका हैं इसी तरह हर दिन को हल्के में लेने की भी आदत बन जाती हैं। जिस दिन अच्छा मौका आता है, इसी आदत के वजह से उसे हल्के में ले लेते हैं फिर बाद में पछतावा होता हैं।”

हर कंकड़ को ध्यान से परखों यानि हर दिन को महत्वपूर्ण समझो। एक दिन कोई एक कंकड़ आपके जिन्दगी को सोने में बदल सकता हैं।

4. हमेशा भगवान भरोसे मत बैठो(5 प्रेरणादायक कहानियाँ)

एक साधु कई महीनों से कड़ी तपस्या कर रहा था, एक दिन तपस्या के वक्त उस गांव में बाढ़ आ जाती हैं। सभी लोग अपनी जान बचाने के लिए बचने का रास्ता तलाश रहे थे | सब लोग घर छोड़ कर ऊंचाई की तरफ़ जा रहे थे और अपने आप को बचा रहे थे तभी एक व्यक्ति ने साधु को देखा और साधु को सावधान किया कि तुम भी चलो वरना डूब जवोगे।

साधु बोला, “मुझे कुछ नही होंगा मुझे ईश्वर बचा लेगा इतने सालों से कड़ी तपस्या कर रहा हूं वो मुझे बचा ही लेगा।”

थोड़े देर बाद पानी कमर तक आ गया नाव निकलने लगी। नाव वाले ने साधु को देखा तो कहा आखिरी नाव जा रही है, आ जाओ वरना डूब जाओगे। तब साधु ने कहा मुझे कुछ नही होंगा। मुझे ईश्वर बचा लेंगे।

अब तो पानी इतना बढ़ चुका था की साधु को पेड़ पर चढ़ना पड़ा। वहां पर कई सारे हेलीकॉप्टर आकर बचे हुए लोगों की जान बचा रहे थे एक आखिरी हेलिकॉप्टर की नजर पड़ी साधु पर, उसने रस्सी फेंकी और कहा आ जाओ रस्सी पड़कर यह आखिरी हेलिकॉप्टर हैं। साधु ने मना कर दिया जाने से, और बोला तुम जाओ मुझे ईश्वर बचा ही लेंगे मैं उनकी इतनी तपस्या करता हूं।

इस तरह साधु के डूबने से मौत हो जाती है मरने के बाद में वह ईश्वर से कहता हैं की मैने आपकी इतनी तपस्या की थी आपने मुझे बचाया क्यों नही।

ईश्वर ने कहा मूर्ख इंसान मैने तुम्हें तीन बार बचाने की कोशिश की एक बार पैदल आ कर, दूसरी बार नाव से आकर, तीसरी बार हेलिकॉप्टर से आकर। तुमने ही जाने से मना कर दिया। 

इसी तरह ईश्वर हमें जीवन में बहुत मौक़े देते हैं जिनसे हम अपनी परेशानियों से बाहर भी आ सकते हैं और सफलता की ऊंचाई तक भी पहुंच सकते हैं लेकिन हम में से कुछ लोग भगवान भरोसे बैठे रहते हैं की जो करेगा वो भगवान करेगा। जो किस्मत में होगा वो मिल जायेगा ये सोचकर वे कभी खुद मेहनत नहीं करते।

किसी ने बहुत अच्छा कहा हैं “भगवान भरोसे मत बैठो, क्या पता भगवान आपके भरोसे बैठा हो

5. कल के लिए मेहनत – (5 प्रेरणादायक कहानियाँ)

एक राज्य में हर पांच साल पर राजा बनाया जाता था। पांच साल पुरे होने पर उस राजा को ऐसे जंगल में भेज दिया जाता था जहां पर जंगली जानवर होते हैं। एक राजा का पांच साल पुरा हुआ उसे भी जंगल भेज दिया गया । उसके बाद आया एक नया राजा।

जब वह समझदार इंसान राजा बन जाता हैं तो अपने राज्य के लोगों से पुछता है- पांच साल पुरे होने पर वह कौन सा जंगल हैं जहां राजा को भेज देते हो। वो राजा अपने लोगों के साथ जंगल में जाता हैं और देखता है की वो काफी घना जंगल हैं वहा पर काफी लोगों की लाशें भी पड़ी हुई है जो शायद पहले रह चुके राजाओं की थी।

राजा सोचता है पांच साल बाद मेरा भी यही हाल होने वाला है। उसने दिमाग लगाया और पहले ही साल में जंगल के पेड़ कटवा दिए, जानवर हटवा दिए और दुसरे साल में उस जंगल के पास रोड बनने शुरु हो गए, घर बनने शुरु हो गए, गरीबों के रहने के लिए कुछ जगहें बना दी गई स्कूल, कॉलेज सभी बनने शुरु हो गए।

पांच साल पुरे होने तक राजा ने उस जंगल का नामों निशान तक मिटवा दिया। ये सब करते-करते राजा ने अपने लिए बहुत सारे पैसे भी सेव कर लिए। पांच साल पुरे होते ही राजा बोलता हैं भेज दो वहा जहां पांच साल पुरे होते भेजते हो।

राजा को नाव में बैठाया जाता हैं क्योंकि जंगल का रास्ता नदी से होकर गुजरता है।

राजा नाव में बैठने से पहले बहुत खुश होता है। लोग उनसे पूछते हैं, तुम इतना खुश क्यों हो? राजा कहता है- हर राजा आता है पांच साल राज करता है और पांच साल बाद जंगल में जाता हैं मैने पांच साल केवल राज नही करा। मैने कड़ी मेहनत से एक घने जंगल को शहर बना दिया। मेरे पांच साल यहां पुरे हो चुके हैं। मैं जिन्दगी भर वहां राज करुंगा, जहां जा रहा हूं क्योंकि वहां राजा ने बहुत लोगों का भला किया होता है, गरीबों को घर दिया होता है। आप आज मेहनत करो कल के लिए क्योंकि आज ही हमारा कल तय करता है।

उम्मीद करते हैं आपको हमारी Short Motivational Hindi Story “5 प्रेरणादायक कहानियाँ” पसंद आयी होगी ।

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