वर्तमान में जीना सीखो । motivational story
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जिंदगी में खुश रहना है तो “वर्तमान में जीना सीखो ।” आज हम एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं, जो आपको बताएगी कि यह जिंदगी कितनी कीमती है और उससे भी ज्यादा कीमती है आज में जीना ।

एक जादूगर था । उसने सोचा, क्यों ना राजा के दरबार में जाकर, उन्हें कुछ चमत्कार दिखाया जाए । जिससे कि वह मुझे कोई उपहार भेंट में दे सके । ऐसा सोचकर वह राजा के दरबार में पहुँचा ।

जादूगर ने राजा का अभिनंदन किया और बोला- महाराज, मैं आपके सामने कुछ जादू दिखाना चाहता हूंँ ।
राजा बोले- हाँ! क्यों नहीं जरूर ।
जादूगर सोचने लगा, मैं राजा को कोई पुराना जादू नहीं दिखा सकता, इसलिए मैं ऐसा करता हूंँ, कोई ऐसा जादू दिखाता हूंँ जिससे राजा खुश हो जाए ।

जादूगर ने अपने थैले से एक छड़ी निकाली और उसे घुमाया और राजा का मुकुट गायब कर दिया ।
सभा में बैठे सभी लोग यह देखकर हैरान हो गए और कुछ देर बाद वह हंसने लगे ।
राजा जादूगर की तरफ देखकर गुस्से में बोले- क्या तुम्हें पता नहीं है, यह मुकुट एक राजा होने की निशानी होती है । और तुमने इसको ही गायब कर दिया ।

जादूगर बोला- महाराज! यह तो सिर्फ जादू था ।
राजा ने जादूगर की एक नहीं सुनी और अपने सैनिकों को कहा- कि उसे जेल में डाल दे और सात दिन बाद फांसी पर चढ़ा दिया जाए ।
जादूगर को पड़कर जेल में डाल दिया गया । जेल में जादूगर से मिलने उसकी पत्नी आई ।
उस वक़्त जादूगर हँस रहा था ।

पत्नी बोली- आपको पड़कर जेल में डाल दिया गया है और आप हँस रहे हो ?
जादूगर बोला-
अभी मेरे पास सात दिन है, तुम क्यों परेशान होती हो ।
पत्नी बोली- ये सात दिन तो यूं ही बीत जाएंगे ।
जादूगर बोला- जितना ईश्वर ने लिखा है उतना ही मैं जियूँगा, इसलिए उस पर दुख जताने का कोई अर्थ नहीं रह जाता ।
ऐसा करते हुए सात दिन बीत गए और जादूगर की फांसी देने का वक्त आ गया ।

जादूगर को जैसे ही फांसी पर लटकाया जा रहा था ।
जादूगर बोला- महाराज! कुछ ही देर में, मैं मरने वाला हूंँ । लेकिन मुझे बस एक चीज का मलाल रहेगा, कि मेरे जीवन का एक कार्य अधूरा रह गया ।

राजा बोला- कौन-सा कार्य?
जादूगर बोला-
मुझे एक ऐसा जादू सीखना था । जिससे कि मैं एक उड़ने वाला घोड़ा बना सकूँ । लेकिन उसके लिए मुझे कम से कम एक साल का वक्त चाहिए था । लेकिन अब तो मुझे मेरा काम अधूरा छोड़कर ही मरना होगा ।
जादूगर की यह बात सुनकर राजा सोचने लगे, यदि यह उड़ने वाला घोड़ा मुझे मिल जाए तो युद्ध में यह मेरे बहुत काम आएगा ।

राजा बोले- ठीक है, मैं तुम्हें एक साल का वक्त देता हूंँ, लेकिन यह घोड़ा तुम्हें मुझे देना होगा । यदि तुम ऐसा कोई घोड़ा नहीं बना पाए, तो फिर तुम्हें फांसी दे दी जाएगी ।
जादूगर बोला- आपका बहुत-बहुत धन्यवाद महाराज ।
जादूगर को छोड़ दिया गया और वह अपने घर की ओर निकल गया।

घर पहुंच कर उसने सारी घटना अपनी पत्नी को बता दी ।
पत्नी बहुत खुश थी, कि अब जादूगर को सजा नहीं मिलेगी ।
पत्नी बोली- लेकिन क्या आप सचमुच, पंखों वाला घोड़े बनाने की कला सीख सकते हैं ।
जादूगर बोला- नहीं प्रिय! ऐसा तो संभव नहीं है।

पत्नी बोली- इसका मतलब अपने राजा से झूठ कहा, तो फिर एक साल बाद क्या होगा, वह तो आपको फांसी पर चढ़ा देंगे।
जादूगर बोला- एक साल में तो अभी बहुत वक्त है । तब तक तो मैं अपनी जिंदगी को और बेहतर तरीके से जी सकता हूँ ।
समय का चक्र कुछ ऐसा घुमा की छह महीने बाद राजा की मृत्यु हो गई और उसके साथ राजा की शर्त का भी कोई मोल नहीं रहा ।

यह कहानी यह बताती है कि अधिकतर लोग बस कल की ही चिंता करते रहते हैं । और इसी बारे में सोच-सोच के अपना आज भी खराब करते हैं । अगर हमारे जीवन में कोई ऐसी समस्या आ जाए, जिसका हल हमारे पास ना हो, तो हमें उसे सोच-सोच कर अपना दिमाग खराब नहीं करना चाहिए। बल्कि उसे वक्त पर छोड़ देना चाहिए । वक्त ही हमें बता देता है कि बात इतनी बड़ी भी नहीं थी, जितना हमने उसे बड़ा बना दिया था । इसलिए अपने जीवन में आज में जीना सीखो और हमेशा खुश रहो ।


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