चिंता को दूर भगाने के 4 तरीके | 4 ways to get rid of anxiety
इंसान की मृत्यु हो जाने के बाद उसे चिता पर जलाया जाता है। आग की लपटों में शरीर धूं- धूं कर जलता रहता है। अंत में शरीर राख बन जाता है। हम हमेशा यही सोचते हैं कि चिता और चिंता कितने समान शब्द लगते हैं। क्या आप सभी ने कभी सोचा है कि चिंता की लपटें भी आग की लपटों की तरह ही हमारे शरीर और दिमाग को प्रतिदिन जलाती रहती है। चिंतित व्यक्ति को अनेक प्रकार के रोग घेर लेते हैं। चिंता आज एक आम विषय बन गया है। तो आज हम बात करेंगे कि आखिर चिंता क्या है और चिंता को कैसे दूर भगाए?
चिंता क्या है? यह कैसे हमारे जीवन को प्रभावित करती है?
रमेश की अच्छी खासी नौकरी चल रही थी। लेकिन जब उसका खराब समय आया तो एक दिन उसे नौकरी से निकाल दिया गया। नौकरी छूटने के बाद से ही रमेश चिंता से घिर उठा कि आखिर आगे क्या होगा? कि कैसे वह अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करेगा? और ऐसे कई अनगिनत सवाल थे जो कि रमेश को खाए जा रहे थे।
चिंता ने उसे दोबारा नौकरी तो नहीं दी, बल्कि बीमारी जरूर दे दी। वह एंग्जायटी डिसऑर्डर का शिकार हो गया था। आखिर ऐसी चिंता उसके क्या काम आई। हमारे समाज में ऐसे हजारों की संख्या में रमेश रहते हैं। किसी एक ही बात के बारे में बार बार मनन करना ही चिंता कहलाती है। चिंता की आग धीरे-धीरे करके हमारे पूरे शरीर को जला देती है। एक चिंतित व्यक्ति हर पल बैचैन रहता है। चिंता हमारे स्वस्थ शरीर को भी सूखे पेड़ के समान बना देती है।
पाप से लक्ष्मी घटे, कह गए दास कबीर ।कबीरदास
चिंता को कैसे दूर भगाए? – इन 4 उपायों को जीवन में लागू करें और चिंता को दूर करें!
1. भरपूर नींद लें
मेरी माँ की एक सबसे बढ़िया आदत यह है कि वह जब भी तनाव में होती है तो वह सो जाती है। नींद लेकर जब वह दोबारा उठती है तो वह अपने आप को तरोताजा महसूस करती है। आप सोच रहे होंगे कि क्या नींद ऐसी जादुई दवाई है जो तनाव को दूर कर देती है। हम आपको बताना चाहेंगे कि, हाँ, बढ़िया नींद लेने से आप अपने दिमाग में चल रहे तनाव को कई हद तक कंट्रोल में ला पाएंगे। नींद और तनाव आपस में जुड़े हैं। अगर पर्याप्त नहीं होगी तो चिंता का भूत आपके सिर पर हावी होकर नाचेगा। इसलिए चिंता को करो दूर और नींद लो भरपूर।
2. खाली घर शैतान का घर
यह चीज़ आप सभी ने महसूस की होगी कि जब भी हम बिना किसी काम के खाली बैठे होते हैं तो उस पल हमारे दिमाग में अनगिनत बातें घूमने लगती है। यह बिलकुल इस तरह है जैसे कोई सुनामी आई हो। जैसे सुनामी सभी को अपने चपेट में ले लेती है ठीक उसी प्रकार चिंता की लहर भी हम सभी को एक गहरे सागर में धकेल देती है। इसलिए अपने दिमाग को कभी भी खाली ना रखे। हर दिन कुछ ना कुछ नया सीखते रहें। अपने आपको काम में व्यस्त रखें । आप देखेंगे कि आपका तनाव कितनी आसानी से गायब हो जाता है।
3. अपना मनपसंद काम करें
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अवसाद हर जगह देखा जा सकता है। इसका कारण एक ही है। ऐसा है कि हम सभी एक ही प्रकार के रूटीन में अटक चुके हैं। हम रूटीन के चक्कर में अपनी खुशियां तक भूल जाते हैं। और यहीं से ही अवसाद का पनपना शुरू हो जाता है। इस तनाव को आनंद में तब ही बदला जा सकता है कि अगर हम अपने मन के अनुरूप काम करें। मन के अनुरूप काम कुछ भी हो सकता है जैसे कि संगीत सीखना, चित्रकला, किताबें पढ़ना, लंबी यात्राओं पर जाना आदि। यह सभी चीज़ें दिल को चिंता की जगह सुकून देती हैं।
4. आध्यात्मिकता से रिश्ता जोड़ें
अध्यात्म में इतनी ज्यादा शक्ति है कि वह बड़े से बड़े रोग को खत्म करने की ताकत रखता है। जो कोई भी आध्यात्मिकता से जुड़ा उसने चिंता और डर को परास्त कर दिया। इसे अंग्रेज़ी में हम मेडिटेशन कहते हैं। जब हम गहरा ध्यान ल्सगते हैं तो हम वास्तव में परलौकिक शक्ति से मिलते हैं। उस पल हम दुनियादारी को भूल जाते हैं। ध्यान हर प्रकार के रोग और अवसाद को जड़ से खत्म कर देता है। हिमालय की पहाड़ियों के समान शांति पाने के लिए मेडिटेशन को अपने दिनचर्या में जरूर शामिल करें।
यह भी पढ़ें:- ‘ना’ बोलना सीखिये! वरना झेलना होगा भारी नुकसान | Motivational Speech in Hindi
अंत में हम यही कहना चाहेंगे कि अगर आप अपने आने वाले कल को ऊंचाइयों पर देखना चाहते हो तो आपको आज से ही यह प्रण लेना होगा कि आप आज के बाद से हमेशा के लिए तनाव की नाव पर बैठना छोड़ देंगे। इसकी बजाय आप शांति से भरे बादलों पर बैठकर यात्रा करना ज्यादा पसंद करेंगे।
आप हमें social media पर भी follow कर सकते हैं CRS Squad, Think Yourself और Your Goal