खुदको शेर समझ – Powerful Motivational Story for Students in Hindi 2024

Powerful Motivational Story
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Powerful Motivational Story: इस दुनिया में तीन तरह के लोग होते है एक वो जिसकी कामयाबी जल्द ही कदम चूमती है, दूसरे वो जिनको कामयाबी मिलने में काफी समय लगता हैं, और तीसरे वो जिनको कामयाबी मिलती ही नहीं।

हम सब अपने अपने जीवन में बहुत मेहनत करते हैं, लेकिन कभी-कभी हमारे मेहनत के हिसाब से उसका फल हमे नही प्राप्त होता हैं। आपने कई व्यक्तियों को देखा होंगा जो थोड़े से मेहनत करने पर ही सफल होजाते है।

आप जो सोच रहे हैं, वह चीज आपके हिसाब से नहीं हो रही है, और बार-बार असफलता का सामना करना पड़ रहा है, जिससे आप खुद को लाचार महसूस कर रहे हैं। यह कई बार होता है कि हम इतने असफल हो जाते हैं कि हमारा मन टूट जाता है, हम अपने आप को कमजोर और हारा हुआ महसूस करते हैं, और बहुत निराशा भी रहती है जीवन में।

निराशा क्यों न हो? क्योंकि हमने तो बहुत परिश्रम किया था। जितना हमसे होना चाहिए था, हम अपने सामर्थ्य से भी अधिक परिश्रम करते है। मुझे अपने परिश्रम के हिसाब से फल नहीं मिला, और एक बार फिर असफलता का सामना करना पड़ा।

जैसे आज के समय में स्कूल होते हैं, ठीक उसी तरह पहले के समय में आश्रम होते थे, और लोग अपनी शिक्षा प्राप्त करने के लिए आश्रमों में जाते थे। उस समय, हर शिष्य अपने गुरु का बहुत सम्मान किया करता था।

प्राचीन समय में, लोगों को किताबी ज्ञान से ज्यादा व्यवहारिक ज्ञान सिखाया जाता था।

राजवीर की संघर्षपूर्ण जीवन-Powerful Motivational Story

प्राचीन समय में एक आश्रम हुआ करता था जिसमें विभिन्न प्रकार के विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते थे। वे शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने अपने राज्यों में वापस लौट जाते थे।

उन्हीं में से एक राजवीर नाम का शिष्य था, जो अपने गुरू से शिक्षा प्राप्त करके अपने राज्य लौट आता है। वापस आने के बाद अपने काम में लग जाता है, समय के साथ-साथ राजवीर बड़ा होता गया। 

राजवीर के परिवार की स्थिति अच्छी नहीं थी। उनके घरवाले सोचते थे कि जब राजवीर आश्रम से शिक्षा प्राप्त कर घर वापस आएगा, तो वह बहुत ही सफल होगा और अपने परिवार का भला करेगा, लेकिन सब कुछ इसके विपरीत हुआ। राजवीर आश्रम से शिक्षा प्राप्त करके आया, लेकिन काम की तलाश में जब वह बाहर जाता, तो उसे कोई काम नहीं मिलता, वह छोटी-छोटी चीजों में असफल हो जाता था।

राजवीर एक बार अपने नगर के राजा के दरबार में उपस्थित हुआ क्योंकि राजा अपनी सेना में नए सैनिकों की भर्ती कर रहा था। राजवीर भी राजा के सेना में भर्ती होने के लिए राजा के महल पहुंच जाता हैं। राजगीर जब राजा के अधिकारियों के पास अपनी योग्यता को साबित करने के लिए जाता हैं, तो उसके हाथ-पैर कांपने लगता है। यह देख राजा के अधिकारी उसे बाहर कर देते हैं, यह कहते हुए की तुम राजा के सेना में भर्ती होने के लायक नही हों, इस बात से राजवीर बहुत ही निराश हो जाता हैं क्योंकि यह उसकी आखिरी उम्मीद थी।

लोगों के ताने

इसके बाद, अपने घर वह दुखी मन से लौट आता है। घर वापस आने के बाद, उसे आस-पास के लोगों के ताने सुनने पड़ते हैं, कई लोग कह रहे थे राजवीर इतना पढ़ा-लिखा है इसे कोई काम नही मिल रहा हैं, कोई कहता यह आश्रम में ठीक से पढ़ा ही नही होगा।

कुछ लोग तो यह भी कहते इसके सोचने समझने की शक्ति ही कमजोर हैं, राजवीर शायद दिमाग से तेज़ नहीं है। लोग राजवीर को तरह-तरह के ताने मारते थे जिससे राजवीर बहुत ही ज्यादा परेशान हो गया था। एक दिन उसके मन में आत्महत्या करने का विचार भी आने लगा, फिर जैसे-तैसे उसने खुद को संभाला। उसने अपनी सारी समस्या एक दोस्त को बताई।

दोस्त ने कहा- “राजवीर सुनो मेरी सलाह मानो तुम फिर एक बार आश्रम अपने गुरू जी से मिलने जाओ और उन्हें अपनी सारी समस्याएं बताओं। वह तुम्हारी सारी समस्यायों का समाधान कर देंगें।”

Motivational story in hindi

राजवीर पहले तो हिचकता हैं क्योंकि उसे आश्रम गए हुए बहुत दिन हो गया था। वह सोचता है कि क्या गुरू जी मुझे पहचान पाएंगे या नहीं। हिम्मत जुटाते हुए, वह आश्रम जाने के लिए तैयार होकर निकलता है। वहां पहुंचकर, उसे पुराने गुरू जी मिलते हैं, जिन्होंने उसे बचपन में पढ़ाया था, अब वे बूढ़े हो चुके हैं, राजवीर उन्हें अपनी सारी समस्या बताता हैं।

राजवीर की समस्या का समाधान – Powerful Motivational Story for Students in Hindi

गुरू जी शांतिपूर्वक राजवीर की बातें सुनते हैं। राजवीर गुरु से कहता है, “हे गुरुदेव, मैं कहीं भी जाता हूँ, असफल हो जाता हूँ। मैं किसी भी परीक्षा में पास नहीं हो पाता हूँ, मैंने अपनी पढ़ाई अच्छी तरह से की है, फिर भी मैं अपने जीवन में एक असफल व्यक्ति हूँ। जिसकी वजह से मेरे दिमाग में तरह तरह के नकारात्मक विचार आ रहे हैं। 

गुरूजी कहते हैं, “तुम परेशान मत हों, मैं तुम्हारी सारी समस्याओं को दूर कर दूंगा।” उसके बाद गुरू जी राजवीर को एक कहानी सुनाने लगते हैं।

शेर और भेड़ की कहानी – Motivational Hindi Story

एक चरवाहा जंगल में भेड़ और बकरियों को चराता था, भेड़ों को चराते-चराते, वह जंगल में इतना दूर चला गया कि उसे एक शेर का बच्चा मिला, शावक ने अभी तक अपनी आंखें नहीं खोली थी। छोटा बच्चा सबको प्यारा लगता है, जानते हुए भी कि वह शेर का बच्चा है, चरवाहें ने उसे उठा लिया और घर ले आया। शेर का शावक धीरे-धीरे बढ़ा होने लगा, भेड़ के बच्चों के साथ खेलता, घास खाता, भेड़ की तरह ही बोलता, और अपने आप को भेड़ मानता था। अब शेर का बच्चा बड़ा हो गया था।

Powerful Motivational Story - खुद को शेर समझ

एक दिन, शेरों के झुंड ने भेड़ियों के झुंड पर हमला कर दिया, सभी भेड़ दौड़ने लगे, और उस बच्चे ने भी उन भेड़ों के साथ भागना शुरू कर दिया। वह बड़ा हो गया था, लेकिन भेड़ों के साथ ही भाग रहा था। भेड़ों के झुंड में भागते हुए उस शेर के बच्चें को देख कर उस हमलावर शेर को बड़ा ही आश्चर्य हुआ।

उसने भेड़ों के तरफ से अपना ध्यान हटाया और उस शेर के बच्चें को ही पकड़ लिया और उसे समझाने लगा की तू क्यों डरता है, तू तो खुद शेर है।

दूसरा शेर, जो भेड़ों के झुंड में भाग रहा था, उसने कहा, “शेर तो जंगल का राजा होता है, उसकी दहाड़ से सभी जानवर कांपते हैं।”

हमलावर शेर उसे पकड़ कर एक कुवें के पास ले गया और कुवें के अंदर उसका चेहरा दिखाकर कहता है, “देख, तेरा चेहरा मेरे जैसा ही है, और तेरे पंजे भी मेरे जैसे ही हैं।”

खुद को शेर समझ

दूसरे शेर जो भेड़ के साथ पला था-“ठीक है, मेरा चेहरा तेरे जैसा ही है, मेरे पंजे भी तेरे जैसे ही हैं। मगर तू तो बहुत शक्तिशाली है, मेरी आवाज से तो कोई डरता भी नहीं है।” हमलावर शेर ने कहा, “तेरी आवाज से भी लोग डरेंगे, बस तू खुद को शेर समझ, जिस दिन से तू खुद को शेर समझ लेगा, उस दिन से सब तुझसे डरेंगे। तुझे महसूस होगा कि तू भी एक शेर है, तेरे पास भी ताकत है, और तू भी जंगल का राजा बन सकता है, जब तेरे मन में यह बात आ गई, तब तू किसी से नहीं डरेगा।”

हमलावर शेर फिर कहता है-“तू डर कर इसलिए भाग रहा था, क्योंकि अब तक तू अपने आप को भेड़ समझता रहा। जब तू खुद को शेर समझने लगेगा, तेरे अंदर से यह डर भी खत्म हो जाएगा। यह डर तुम्हारे अंदर इसलिए था क्योंकि तू भेड़ों के साथ रहता था और खुद को भेड़ समझने लगा था, और बचपन से सभी ने तुझे भेड़ ही समझा है, तुझे अब तक किसी ने शेर कहकर पुकारा ही नहीं है, इसलिए अब तक तू खुद को भेड़ समझता आया है।”

कहानी को समाप्त करते हुए, गुरू जी ने कहा, “राजवीर, तुम्हारे भी जीवन में यही हो रहा है, तुम्हारे पास सारी योग्यताएं हैं, फिर भी तुम खुद को भेड़ ही समझ रहे हो।”

डर का बीज – Motivational Story in Hindi

गुरू जी फिर कहते है-“इसका सबसे बड़ा कारण है कि कोई तुम्हें प्रोत्साहित नहीं कर रहा है कि तुम भी कर सकते हो। तुम्हारे आस-पास वाले असफलत होने के डर का बीज तुम्हारे दिमाग में बो दिया है। बचपन से लोग तुम्हें अयोग्य ही बोल रहे हैं, जिससे तुम्हारी मानसिक दशा अयोग्य सी हो गई है।”

गुरू जी फिर कहते है- “जब किसी व्यक्ति को लंबे समय तक अयोग्य और असफल बताया जाता है, तो वह अपने आप को कमजोर और लाचार समझने लगता है। इस दुनिया में प्रोत्साहित करने वाले लोग बहुत ही कम होते हैं और नकारात्मक ऊर्जा देने वाले लोग अधिक होते हैं। वे चाहते हैं कि तुम जीवन में सफल न हो, क्योंकि वे तुम्हें आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते। जब कोई व्यक्ति सफल होता है, तो उसके आस-पास वालों को सबसे अधिक दुख होता है। सफल होने से पहले, तुम्हें खुद में बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए, जैसे शेर की तरह समझने की कोशिश करो। जब तुम अपने आप को योग्य मानने लगोगे, तो तुम्हें खुद पर भरोसा होगा और खुद ही सफल हो जाओगे।

गुरु कहते हैं कि “बच्चे को बचपन से ही यह शिक्षा दी जाती है कि “तू कुछ नहीं कर सकता है, तू कोई काम करेगा तो उसमें तू असफल ही होगा।” लेकिन अगर उसी बच्चे को यह सिखाया जाए कि “तू शेर है, तू कर सकता है,” तो यह विचार उसके दिमाग में बैठ जायेगा जो उसे सामर्थ्य प्रदान करेगा सफलता को प्राप्त करने के लिए। “जहां चाह, वहां राह”। 

हमें किसी भी बच्चे को कभी भी कमजोर या लाचार नहीं बोलना चाहिए। जब हम ऐसा कहते हैं, तो वह वास्तव में खुद को कमजोर और लाचार समझने लगता है। उसे लगने लगता है कि वह कुछ करने योग्य ही नहीं है, क्योंकि उसे बचपन से ही यह सिखाया जा रहा है कि वह ऐसा है, वह वैसा है, और वह कुछ नहीं कर सकता। ये सभी विचार उसके दिमाग में बैठ जाते हैं, जिससे उसका आत्मविश्वास कमजोर हो जाता है।

सकारात्मक ऊर्जा की महत्वपूर्णता

तब गुरु जी बोलते हैं: “बचपन से ही तुम्हारे साथ भी यही होता आ रहा हैं। लोग तुम्हारे अंदर नकारात्मक ऊर्जा का बीज बोते आए है आज वो बीज असफलता रूपी वृक्ष बन चुका है, तुम्हारे अंदर एक भय निवास कर रहा है की तुम एक असफल व्यक्ति हो, तुम अपने जीवन में कभी कुछ नहीं कर सकते। सबसे पहले तुम खुद पर विश्वास करना सीखों, अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा भरो, तो फिर अपने आप सफल हो जाओगे।”

गुरु जी कहते है- “कही जाने से पहले, कुछ करने से पहले, अपन अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करो, फिर उस काम को करो देखना सफलता तुमसे दूर नहीं जायेगी।”

राजवीर के गुरू उसके समस्याओं का समाधान करते हैं और उसे मार्गदर्शन देते हैं। इसके बाद, राजवीर नए उत्साह के साथ काम करता है। अपनी मेहनत और गुरु के मार्गदर्शन से वह सफलता की ऊंचाइयों को छूता है और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करता है। 

कहानी का मुख्य संदेश है कि सफलता को प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच रखना चाहिए। किसी भी व्यक्ति की सफलता उसके दिमाग के अंदर बसें सोच और मन में भरे आत्मविश्वास पर निर्भर करती है। अक्सर हमारे आस-पास के लोग हमारे अंदर नकारात्मकता भरने की कोशिश करते हैं, लेकिन हमें उनकी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। हमें खुद पर विश्वास करना चाहिए और अपनी सामर्थ्यों को पहचानना चाहिए।

यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि हमें अपने बच्चों को सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास के साथ प्रेरित करना चाहिए। उन्हें अपनी क्षमताओं को निखारने और समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। बच्चे को नकारात्मक सोच से दूर रखकर उन्हें सकारात्मकता की ओर प्रेरित करना हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए।

इसके अलावा, हमें यह भी याद रखना चाहिए कि सफलता का मार्ग सीधा नहीं होता। सफलता के लिए मेहनत, उत्साह, और सहनशीलता की आवश्यकता होती है। हमें हार नहीं मानना चाहिए, बल्कि हर मुश्किल को एक अवसर मानकर आगे बढ़ना चाहिए। इस प्रकार, हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सफल हो सकते हैं।

उम्मीद करते हैं आपको हमारी Powerful Motivational Story “खुदको शेर समझ” पसंद आयी होगी ।

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