एक राजा का मृत्यु का डर
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जीवन में हमें बहुत सारी चीजों से डर लगता है, लेकिन ‘मृत्यु का डर’ उनमें से सबसे ऊपर है । जब व्यक्ति की उम्र ढलने लगती है, तब वह डरा-डरा रहने लगता है । यह डर उसे भीतर से बहुत दुखी करता है । आज की कहानी भी एक राजा के मृत्यु के डर से संबंधित है। आइये इस कहानी को शुरू करते हैं ।

मृत्यु का डर । Motivational Story in Hindi

एक बार की बात है, एक राजा को अपनी मृत्यु का बहुत डर था। वह दिन-रात यही सोचता रहता था, कि अब वह बूढ़ा हो रहा है । उसकी मृत्यु कभी-भी आ सकती है । उसका मन शांत नहीं हो रहा था, इसलिए वह एक महान ऋषि के यहाँ पहुँचा ।

राजा ने ऋषि के पास पहुँचकर उन्हें प्रणाम किया और फिर सवाल पूछा ।
राजा बोले- ऋषिवर, दिन-रात मुझे मृत्यु का डर सताता रहता है । मैं इस डर से खुद को कैसे दूर करूँ? मुझे अभी मृत्यु नहीं आई है, लेकिन मैं अपना बाकी जीवन इस डर के साथ कैसे गुज़ारूँ ? आप मुझे इस समस्या का हल दीजिए ।

ऋषि बोले- राजा ”मृत्यु तो अटल सत्य हैं ।” तुम इस बात को भली-भांति जानते हो, फिर भी डर रहे हो ।

राजा बोले- मेरी बुद्धि इस बात को जानती हैं, पर मेरा मन मानने को तैयार नहीं है ।
ऋषि बोले- ठीक है, राजा मैं तुम्हें इस विषय पर बड़े-बड़े उपदेश नहीं दूँगा क्योंकि फिर तुम उसे अपनी बुद्धि से ही सुनोगे । इसलिए मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूंँ कोशिश करना कि अपने मन से इस कहानी को सुनो ।
राजा बोले- जी, ऋषिवर आप मुझे कहानी सुनाएँ । मैं कोशिश करूँगा कि अपनी बुद्धि का प्रयोग ना करूँ, अपने मन का प्रयोग करूँ ।

ऋषि ने कहानी सुनाना आरंभ किया

एक बार की बात है, एक व्यक्ति अपनी कुटिया में रहा करता था, लेकिन उसे रहने का बिल्कुल भी सलीका नहीं था । उसके पास एक ही कमरा था । कमरे के एक तरफ उसका भोजन बनता था और दूसरी तरफ शौचालय था । कमरे में बड़ी दुर्गंध आया करती थी । उसी वक्त एक राजकुमार वहाँ से गुजर रहा था । उसने उस व्यक्ति को देखा और कहा- आज के लिए उसे अपनी कुटिया में रहने का अवसर दे ।

व्यक्ति बोला- मैं आपको अवसर दे सकता हूंँ, लेकिन आप वादा कीजिए कि आप सिर्फ आज के लिए रहेंगे और कल वापस चले जाएँगे । क्योंकि जो भी इस कुटिया में आता है, वह यहाँ से जाने का नाम ही नहीं लेता ।
राजकुमार ने कहा- ठीक है, रात का समय है, मैं रास्ता भटक गया गया हूंँ । सुबह होते ही मैं निकल जाऊँगा ।

व्यक्ति ने राजकुमार को कुटिया के अंदर बुलाया । राजकुमार ने कुटिया का सारा नजारा देखा, वहाँ पर बहुत दुर्गंध आ रही थी। राजकुमार सोचने लगा मैं तो एक पल भी यहाँ गुज़ार नहीं पा रहा हूंँ । और यह व्यक्ति कह रहा था, यहाँ से कोई वापस जाना नही चाहता । इस वक्त मेरे पास यही रास्ता है कि जैसे-तैसे आज की रात यहाँ पर गुजार लूँ । जितनी जल्दी हो सके सुबह यहाँ से निकल जाऊँगा ।

राजकुमार कुटिया में सो गया । जब वह सुबह उठा उसने व्यक्ति से कहा- मैं अब यही रहना चाहता हूंँ । व्यक्ति ने उसे मना किया, लेकिन वह अड़ा रहा और वह वहीं पर रहने लगा ।
और इस तरह कहानी समाप्त हो गई ।

कहानी समाप्त होने के बाद राजा ऋषि से बोला

राजा – यह कैसी कहानी थी?, वह राजकुमार तो बड़ा ही मुर्ख था । वह अपना महल, धन ऐश्वर्य छोड़कर दुर्गंध वाली जगह में रहना चाहता था ।
ऋषिवर बोले- राजा फिर तुमने बुद्धि का प्रयोग किया ।

राजा बोले- ऋषिवर, मुझे कुछ समझ नहीं आया। कृपा करके आप ही मुझे बताइए कि वह राजकुमार उस दुर्गंध वाली जगह पर क्यूँ रहना चाहता था ?

ऋषि बोले- राजन तुम्हारे शरीर में अस्थि-मज्जा, माँस और मल है, ये सब दुर्गंध ही है । तुम भी सदैव ख़ुद को बचाए रखना चाहते हो, इस शरीर को नहीं छोड़ना चाहते । जैसे वह राजकुमार उस दुर्गंध वाले कमरे को नहीं छोड़ना चाहता था ।

राजा को अब सब कुछ समझ आ गया ।

राजा बोले- ऋषिवर, मैं तो हमेशा से ही जानता था, कि यह शरीर पंचतत्व से बना है और एक दिन इसी में विलीन हो जाएगा । लेकिन मेरी बुद्धि मानने से इंकार करती रही, आपने तो मेरी आँखें खोल दी । मैं देख पा रहा हूंँ कि किसी भी कीमत पर हम इसे नहीं बचा सकते, फ़िर डरने से क्या लाभ होगा । किन शब्दों में आपका आभार व्यक्त करूँ। आपकी इस कहानी से मेरा मुत्यु का डर दूर भाग गया है । अब मैं सुकून से अपनी बाकी जिंदगी जी सकता हूंँ । पहले मेरी बुद्धि जानती थी, लेकिन अब मेरा मन जान चुका है कि ‘मुत्यु अटल सत्य है ।’

कहानी हमें यह बताना चाहती है कि मृत्यु के डर के कारण बहुत सारे लोग जीना ही छोड़ देते हैं । हमें जीवन की सच्चाई को देख लेना चाहिए, कि एक उम्र के बाद हमें अपना शरीर छोड़ना है। यदि हम उस सच को समझ लेंगे तो बाकी का बचा जीवन बिना डरे जी पाएँगे ।

उम्मीद करते हैं आपको हमारी Motivational Story in Hindi “मृत्यु का डर” पसंद आयी होगी । आप हमें social media पर भी follow कर सकते हैं CRS SquadThink Yourself और Your Goal


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