खुद को कभी किसी से कम मत समझो | Motivational Story in Hindi

खुद को कभी किसी से कम मत समझो - Motivational Story
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खुद को कभी किसी से कम मत समझो: हमारे अन्दर क्या खूबी है? क्या विशेषता है? यह हम कभी समझ ही नही पाते हैं, आज जिसको देखो वह किसी और के जैसा बनना चाहता है, वो किसी और की ज़िंदगी जीना चाहता है।

हर किसी की जिदंगी की एक अलग ही खासियत होती हैं, बस उसको समझने की और अपनी क्षमताओं को पहचानने की जरूरत होती हैं। जिस दिन आप अपनी क्षमताओं को समझ जायेंगे उस दिन से आपके अन्दर से किसी और के जैसा बनने का या किसी और का जीवन जीने का जो जिद्द है वो हमेशा के लिए खत्म हो जायेगा, और आप अपने जीवन को अच्छे से जी पायेंगे।

तो आईए समझते हैं इस बात को एक कहानी के माध्यम से जो हमे अपने आप से रूबरू करवाती हैं और हमारी असलियत दिखाती हैं, की हम जैसे हैं, वैसे ही अच्छे हैं।

खुद को कभी किसी से कम मत समझो – Motivational Story in Hindi

बहुत समय पहले, एक छोटे से गांव में एक व्यक्ति रहता था, जो पहाड़ से पत्थर तोड़ने का काम करता था। उस व्यक्ति की अपनी जिन्दगी से कोई शिकायत नहीं था। पूरे मेहनत और लगन से दिनभर काम करता और शाम को काम खतम होने के बाद जो भी पैसा मिलता उसे लेकर अपने घर आता और अपने परिवारवालों के साथ कुछ समय व्यतीत करता था और फिर चैन से सो जाता था। ऐसा करते हुए उसे कई साल बीत गए थे।

हर दिन की तरह, वह अपना काम खत्म करके घर वापस जा रहा था। रास्ते में चलते-चलते उसके मन में एक ख्याल आया कि ये भी कोई जिन्दगी है, मैं सुबह से शाम तक पत्थर तोड़ने का काम करता हूं और शाम में मुझे थोड़े से पैसे मिलते हैं, जिससे मुश्किल से मेरे और मेरे परिवार का गुजारा हो पाता है। आज मुझे कहीं से कुछ ऐसी शक्ति मिल जाए जिससे मैं जो चाहूं वो पूरा हो जाए।

Motivational Story In hindi - खुद को कभी किसी से कम मत समझो

वह घर गया, खाना खाया, लेकिन उसका ध्यान खाने की ओर नहीं था। उसके दिमाग में बस एक ही ख्याल था, कि काश मुझे कोई ऐसी अलौकिक शक्ति मिल जाए जिससे मैं जो चाहूं हासिल कर सकूं। वह इस बात को सोचते सोचते सो गया। फिर नींद आने के बाद उसे एक सपना आया। सपने में उसने देखा कि वह रोज की तरह अपना काम खत्म करके घर लौट रहा था, तभी रास्ते में उसे एक बहुत बड़ा घर दिखा तभी उसके मन में आया, काश ये घर मेरा होता और मैं इसका मालिक होता। और उसका इतना सोचते ही वह उस घर का मालिक बन गया। उसको यकीन ही नही हो रहा था कि उसने जो सोचा वह पुरा हो गया लेकिन उसकी खुशी अधिक देर तक नही टिक पाई अचानक से एक शोर सुनाई दिया। उसने देखा कि उसके घर के बाहर से एक रैली निकल रही है, जिसमें बीचों बीच एक पॉलिटीशियन हैं। उसे देखकर वहां खड़े लोग उसके नाम के नारे लगा रहे थे, और सब उसको देखने के लिए तड़प रहे थे।

तब उसको यह एहसास हुआ कि मैं कितना छोटा हूं मेरा तो कोई अस्तित्व ही नहीं है इस राजनेता के समक्ष काश! मैं एक राजनेता होता और मेरे पास इतनी क्षमता होती। उसके इतना सोचने की देर थी कि वह राजनेता बन गया। उसके खुशी का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि उसके पास हजारों लोगों की भीड़ थी, और सब उसको देखने के लिए तरस रहे थे, लेकिन उसकी यह खुशी भी जरा देर भी टिक नहीं पाई क्योंकि धूप बहुत ही तेज़ थी और उस राजनेता को इतनी धूप में खड़े रहने की आदत नहीं थी। उसे चक्कर आया और वह बेहोश हो गया।

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फिर उसे एहसास हुआ कि यह राजनेता सबसे ताकतवर नहीं है, यह जो सूरज हैं यह सबसे ताकतवर है। उसके मन में आया कि काश मैं सूरज होता, मेरे आगे कोई टिक नहीं पाता। उसको इतना सोचने की देर थी, और वह सूरज बन गया, वह खुशी से पागल हो गया, पुरी दुनिया को यही रौशन कर रहा था। दुनिया में ऐसा कोई इंसान नहीं था जो उसकी रोशनी को रोक सकें। लेकिन उसकी यह खुशी भी टिक नहीं पाई, क्योंकि कुछ ही समय बाद आसमान में काले बादल आए और रौशनी को रोक दिया।

फिर उसको एहसास हुआ कि कोई हैं जो मेरी रौशनी को भी कोई रोक सकता है।

उसके मन में यह ख्याल आया कि काश मैं बादल होता, और वह बादल बन गया। उसको ऐसा लग रहा था कि वह आसमान में उड़ रहा है, और वह जहां चाहे वहां जा सकता है। लेकिन कुछ देर बाद, एक हवा का झोंका आया जो उसे उड़ा ले गया।

उसे एहसास हुआ कि बादल सूरज की रौशनी को रोक सकता है, लेकिन हवा को नहीं। क्योंकि यह हवा उसे बहा कर ले गई।

फिर उसके मन में यह आया कि काश मैं हवा होता, और वह हवा बन गया। हवा बनने के बाद, उसने अपने अंदर एक अलग सी ऊर्जा महसूस की, और सोचा कि मैं जिसको चाहूं, उसे उड़ा कर ले जा सकता हूं।

उसको यह विश्वास होने ही वाला था कि इस दुनिया में सबसे ताकतवर मैं हूं, लेकिन तभी उसके सामने एक पहाड़ आया। उसने पूरी ताकत लगा दी लेकिन उस पहाड़ को नहीं हिला सका। उसको यह एहसास हुआ कि कोई हैं जो हवा से ज्यादा शक्तिशाली हैं, जिसमें हवा को रोकने का भी दम हैं। फिर उसके मन में यह ख्याल आया कि काश मैं पहाड़ होता। और वह पहाड़ बन गया। लेकिन हर बार की तरह, उसकी खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई।

एक जानी पहचानी आवाज उसे सुनाई दी, और साथ ही साथ उसको दर्द होने लगा। जैसे कि कोई हैं जो उसे तोड़ रहा हैं, मार रहा हैं। तब वह दर्द से चीखने लगा, और उसके मन में आया, खास मैं वो बन जाऊं जो पहाड़ को तोड़ने का दम रखता है। लेकिन इस बार उसकी यह ख्वाइश पूरी नहीं हुई। वह चीखने लगा, चिलाने लगा, अपनी पूरी ताकत लगा दी, लेकिन इस बार वह नहीं बन पाया। उसका दर्द बढ़ता ही चला जा रहा था। उस दर्द के कारण उसकी नींद खुली, उसके सामने एक शीशा था। उस शीशे में खुद को देखा, तो समझ आया कि मैं वह क्यों नहीं बन पा रहा था जो बनना चाह रहा था। क्योंकि असलियत में मैं वही हूं।

किसी से कुछ सीखना अच्छी बात है, लेकिन अपना अस्तित्व को भुला कर किसी और के अस्तित्व को अपना लेना खुद का एवं साथ ही उस ईश्वर रूपी कारीगर का भी अपमान करना होता है जिसे आपको सबसे अलग बनाया है, हम भूल जाते है की हम सभी में एक ऐसी खासियत होती है जो हम सबको खास बनती है बस उसे हमें खुद के अंदर तलाश करना होता है, इसलिए आप जैसे भी हैं, आप अच्छे हैं। आपको किसी के भी जैसा बनने की कोई जरूरत नहीं है। आप जैसे भी हैं, सर्वश्रेष्ठ हैं। अगर आपको कुछ बनना है, तो अपने आप को पहचानें, अपनी क्षमताओं को पहचानें, और अपना श्रेष्ठ संस्करण बनें।

उम्मीद करते हैं आपको हमारी Motivational Story in Hindi “खुद को कभी किसी से कम मत समझो” कहानी पसंद आयी होगी ।

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