मेरे मर्द होने के अहंकार ने मुझे ये कभी करने ही नहीं दिया

अहंकार इंसान का न दिखने वाला शत्रु
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अहंकार इंसान का ऐसा दुश्मन हैं जो उसे दिखाई नहीं देता पर अहंकार का असर इंसान के जीवन पर बहुत भारी पड़ता हैं | किसीको अपने सुन्दर होने का अहंकार हैं तो किसीको धन का अहंकार हैं , किसको ज्ञान का अहंकार हैं तो किसीको ताक़त का अहंकार हैं | अहंकार लगभग हर इंसान में होता हैं लेकिन लोग accept नहीं करते की वो अहंकारी हैं |

एक ज्ञानी थे जिनका ज्यादातर समय भगवान की पूजा करने में और लोगों को सही मार्ग पर लाने में गुजरता था | इनका भी यही कहना था कि अहंकार इंसान का न दिखने वाला शत्रु हैं जितना जल्दी हो उसे ढूंढो और त्याग दो | उनके बारे में लोगों का कहना था कि हर किसको अहंकार हो सकता हैं लेकिन उनमें बिल्कुल अहंकार नहीं हैं | एक दिन एक लड़का उन ज्ञानी पुरुष के पास जाता हैं और उनसे कुछ सवाल करता हैं |

उस लड़के ने उनसे हाथ जोड़कर पूछा : Sir आपकी उम्र क्या हैं ? उन्होंने कहा : 55 वर्ष | 

लड़के ने पूछा : आपकी शादी कब हुई थी | उन्होंने कहा जब मैं 23 वर्ष का था तब मेरी शादी हो गयी थी | लड़के ने कहा कि आपकी शादी 23 साल की उम्र में हो गयी थी इसका मतलब आपकी शादी को 32 साल हो गए और इन 32 सालों में आप बीमार भी हुए होंगे , अपने काम को करते हुए कभी कबार थके भी होंगे तो उस situation में आपकी पत्नी ने आपकी थकान मिटाने के लिए आपकी सेवा भी की होगी , आपके पांव भी दबाये होंगे ?

इस पर उन्होंने कहा : हाँ, हमारी शादी को 32 साल हो गए और 32 साल के इस सफर में मेरी पत्नी ने काफी सेवा की हैं जब मैं बीमार होता था | वो मेरे पैर भी दबाती थी जब मैं काम से थक कर आता था | लगभग हर पत्नी ऐसा ही करती हैं |

लड़के ने पूछा : – 32 साल के इस लम्बे सफ़र में जिस तरह आप बीमार हुए थे , थकते थे उसी तराह आपकी पत्नी भी बीमार हुई होगी, अपने घर के कामों से वो भी काफी थक जाया करती होगी ? उन्होंने कहा :- हाँ, बीमार कई बार हुई थी और घर की जिम्मेदारियाँ हैं तो निभाते निभाते थकान भी हो जाती थी | तो लड़के ने कहा :- 32 साल के इस लम्बे सफ़र में आपने अपने जीवन में कभी अपनी पत्नी के पांव दबायें थे?

कुछ देर चुप रहकर उन्होंने जवाब दिया : नहीं ! मैंने कभी ऐसा नहीं किया | लड़के ने पूछा क्यों ? काफी देर सोचने के बाद उन्होंने कहा की: मेरे मर्द होने के अहंकार ने मुझे ये कभी करने ही नहीं दिया |

तो दोस्तों ये हैं मर्द होने का अहंकार जो हम सबमें हैं| पति थका हो तो पत्नी पैर दबाती हैं लेकिन जब पत्नी थकी हो तब कोई पति पैर नहीं दबाता | काफी लोगों को मेरी ये बात पसंद भी नहीं आ रही होगी कि पत्नी का भी पति पैर दबा सकता हैं क्या ? अगर पति ने ऐसा किया तो नामर्द कहलायेगा, लोग क्या सोचेंगे की पत्नी के पैर दबाता हैं , मर्द लोग ऐसा नहीं किया करते, औरत के पीछे रहने वाला अगर ये बातें आपके मनमें आ रही हैं तो आपमें भी ये अहंकार हैं | 

इंसान अपनी माँ के पैर छू लेगा , नानी, दादी , चाची , मामी, बुआ इन सबके पैर छू लेता हैं यहाँ तक की नवरात्र में कन्या पूजन के समय छोटी छोटी बालिकाओं के पैर भी बड़े गर्व से छू लेता हैं लेकिन सुख दुःख का वो साथी जिसे ईश्वर ने हमे पत्नी के रूप दिया हैं जब वो पत्नी आपके बीमार होने पर आपके पैर दबा सकती हैं तो उसके बीमार होने पर पति पैर क्यों नहीं दबा सकता ? क्या आपका अहंकार आपके प्रेम से भी बड़ा हैं ? या आप सोचते हो की पत्नी का पैर दबाने से आप अपनी मर्दांगी खो दोगे ? जो स्त्री अपना घर अपने माता पिता को छोड़कर आपके पास आयी हैं क्या उसके लिए आप अपना अहंकार नहीं छोड़ सकते ?


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