सपनें और हकीकत | Best Motivational Story in Hindi
Best Motivational Story in Hindi: जीवन में व्यक्ति को “सपने और हकीकत” के भेद को वक्त रहते जान लेना चाहिए, नही तो जिंदगी उसे हकीकत से ऐसे मिलवाती है, कि फिर व्यक्ति के लिए जीवन को स्वीकारना मुश्किल हो जाता है। आज हम ऐसे ही दो दोस्तों के बारें में जानेंगे, जो अपनी जिंदगी शुरू करने वाले हैं।
सपनें और हकीकत | Best Motivational Story in Hindi
अरुण और आलोक नाम के दो मित्र थे, दोनों बहुत महत्वाकांक्षी थे, लेकिन दोनों में कुछ भिन्नताएं भी थी।
अरुण दिन में अपने सपनों के बारे में सोचता रहता था, उसके बड़े-बड़े सपने थे । वह सोचता था वह अगर कोई नौकरी ढूंढने जाएगा तो उसे आसानी से मिल जाएगी और फिर उसके पास धन इकट्ठा हो जाएगा और वह बहुत अमीर इंसान बन जाएगा।
दूसरी तरफ आलोक था, जो महत्वाकांक्षी तो था, परंतु जीवन की हकीकत उसे साफ दिखाई देती थी। वह जानता था की सपनों को पूरा करने में अभी जमीन-आसमान का फर्क है अभी तो उसे हकीकत के मुद्दों से जूझना था।
दोनों किशोर से वयस्क हो गए
दोनों हर काम साथ में किया करते थे, दोनों ने अपने लिए एक नौकरी देख ली ।
जहां आलोक अपने काम से खुश था कि कम से कम उसके पास करने को नौकरी तो है, उसने किसी काम की शुरुआत तो की।
दूसरी तरफ अरुण दुखी था कि उसने न जाने क्या-क्या सोचा था और आज उसको छोटी-सी नौकरी करनी पड़ रही है । उसे अभी भी यकीन था, कि किस्मत उसका साथ देगी एक दिन वह बहुत अमीर बन जाएगा । वह हर काम मन मार कर किया करता था।
चार वर्ष बाद
लम्बे वक़्त तक अच्छा काम करने की वजह से आलोक का प्रमोशन हो गया था। दोनों की जीवन यात्रा चल ही रही थी कि अब दोनों के विवाह करने का वक़्त हो गया था।
आलोक के घर वालों ने आलोक के लिए, एक अच्छी लड़की देख ली और कुछ वक्त बाद ही उसका विवाह हो गया और वह अपने जीवन में व्यस्त हो गया ।
अरुण ज्यादातर आलोक से ही बाते किया करता था लेकिन अब उसकी ज़िम्मेदरिया बड़ गई थी, इसलिए उसको अब अकेलापन सताने लगा । वह सोचने लगा क्यों ना मैं भी शादी कर लूँ? अरुण के घर वालों ने उसके लिए कई रिश्ते बताएं लेकिन उसे वह पसंद ना आए ।
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जैसे की कहानी में बताया गया है, अरुण हमेशा सपनों में रहता था तो शादी के लिए भी उसे एक राजकुमारी जैसी लड़की की तलाश थी जो की पूरी नहीं हो रही थी ।
धीरे-धीरे वह निराश होता गया , इसी कारण अक्सर वह अपने मां-बाप से भी झगड़ा कर लिया करता था । यह झगड़ा उसके घर तक ही सीमित नहीं रहा उसके ऑफिस तक जा पहुंचा और ऑफिस में ढंग से काम ना करने की वजह से उसे काम से निकाल दिया गया।
आलोक को जब पता चला की अरुण को काम से निकाल दिया गया है तो वह उसके पास गया और समझाने लगा।
आलोक ने कहा- आजकल तुम बहुत परेशान रहते हो और तुम्हारी इसी परेशानी के कारण तुम्हारे स्वभाव में बहुत बदलाव आ चुका है । अब तुम्हारे पास नौकरी भी नहीं है, अब बताओ तुम कैसे अपनी जिंदगी गुजारोगे ?
अरुण ने कहा- क्या फायदा ऐसी गरीबी की जिंदगी का, जिसमें नौकरी करके दूसरों की चापलूसी करो । परिवार के लिए कहीं भी विवाह करो , इससे तो अच्छा है ईश्वर मुझे जिंदगी देता ही नहीं । मेरे सारे सपने टूट चुके हैं, अब मैं जीना ही नहीं चाहता ।
आलोक ने कहा- अरुण जानते हो तुम्हारी तरह मै भी महत्वाकांक्षी हूंँ। महत्वाकांक्षी होने में कोई बुराई नहीं है किंतु जीवन की हकीकत हमें बता देती है, कि सपने सिर्फ सपने होते हैं । “सपनो को सच करने के लिए हमे जीवन की कड़वी हकीकत से गुज़रना जरूरी होता है ।” जिंदगी बहुत साधारण और सरल है लेकिन हम ही न जाने क्या-क्या सोच कर उसको बहुत कठिन बना देते हैं।
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अरुण ने कहा- शायद तुम सच कह रहे हो, सपनों के पीछे भागते भागते मैंने अपनी जिंदगी के बहुत साल गवाँ दिए । अब मैं हकीकत में जीना चाहता हूंँ, पर मैं अब अपनी नौकरी कैसे वापस पाऊं ?
आलोक ने कहा- तुम परेशान मत हो मैं तुम्हारी बात करूंगा । तुम नौकरी करो, अपना घर बसाओ और मेहनत करते रहो तुम्हारे सपने भी पूरे होंगे लेकिन हकीकत पर टिके रहना बहुत जरूरी है।
यह सुनकर अरुण ने आलोक को गले लगा लिया और वह रोने लगा जैसे आलोक की बातें उसे सपनों की दुनिया से हकीकत में खींच कर ले आई हो। इसके बाद अरुण ने अपने जीवन की हकीकत को स्वीकार किया और खुश रहने लगा।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सपनों को पूरा करने के लिए व्यक्ति को पहले अपनी जमीनी हकीकत से परिचित हो जाना चाहिए अन्यथा वह सपने तो क्या हकीकत को संभालने के भी लायक नहीं रहता।
उम्मीद करते हैं आपको हमारी Best Motivational Story in Hindi “सपनें और हकीकत” पसंद आयी होगी ।
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