मैं मोबाइल बनना चाहता हूंँ – Motivational Kahani in Hindi

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आज की कहानी का शीर्षक है, “मैं मोबाइल बनना चाहता हूंँ ।” आजकल हम सभी रिश्तों से धीरे-धीरे किनारा करते जा रहे हैं और उसका सबसे बड़ा कारण है, कि हम अपना ज्यादातर वक्त मोबाइल में बिताते हैं । आज की कहानी इसी समस्या की ओर इशारा करती है। आइये पढ़ते हैं Motivational Kahani in Hindi “मैं मोबाइल बनना चाहता हूंँ ।”

Motivational Kahani in Hindi : मैं मोबाइल बनना चाहता हूंँ !

एक रोहन नाम का आठ साल का बच्चा था और इस उम्र में बच्चों को सबसे ज्यादा अपने माता-पिता और परिवार की जरूरत होती है । लेकिन रोहन अपने आस-पास यही देख रहा था कि उसके घर में सभी लोग मोबाइल पर लगे हुए हैं । वह अपनी मां के साथ खेलना चाहता था, लेकिन वह देखता हैं कि उसकी माँ बच्चों की कॉपियां चेक करने में लगी है और उसके बाद उनके पास जो टाइम बचता है, वह मोबाइल हाथ में लेकर चलाती रहती हैं ।

जब वह अपने पिता की ओर देखता है तो वह भी ऑफिस से आकर मोबाइल चलाने लगते हैं । उस बच्चे के दादा-दादी भी थे, लेकिन वह भी दिन-रात मोबाइल में लगे रहते थे । रोहन बहुत अकेला-अकेला महसूस करने लगा था । उसे समझ नहीं आ रहा था, कि वह आखिर क्या करें ।

एक बार स्कूल में उसकी टीचर ने कहा- आज का तुम लोगों का यह होमवर्क है कि तुम लोग लिखकर लाओ, कि तुम लोग क्या बनना चाहते हो ।
रोहन ने सोचा कि वह क्या बनना चाहता है? जैसे कि पहले भी बताया गया है, रोहन अपने घर में यह देख रहा था कि सभी लोग मोबाइल में लगे रहते हैं । रोहन सोचने लगा, क्यों ना मैं यह मोबाइल ही बन जाऊं! जिसे सब लोग हमेशा अपने पास रखते हैं दादा-दादी, मम्मी-पापा सभी लोग । कम से कम मैं उन लोगों के नजदीक तो रहूंगा ।

रोहन ने अपने दिल की सारी बात अपनी कॉपी पर लिख दी और अंत में यह लिखा कि मैं मोबाइल बनना चाहता हूंँ ।

एक दिन रोहन की मां घर पर बैठकर, बच्चों की कॉपियां चेक कर रही थी और कॉपी चेक करते-करते उनकी आंखों से आंसू बहने लगे । बगल में बैठे उनके पति ने कहा- क्या हुआ, तुम अचानक से रोने क्यों लगी? सब कुछ ठीक तो है?

वह बोली देखो ना रोहन ने क्या लिखा है कि घर में सभी लोग मोबाइल में लगे रहते हैं और कोई भी उस पर ध्यान नहीं देता इसलिए वह मोबाइल बनना चाहता है ।
रोहन की मां एक टीचर थी और रोहन भी उन्हीं की कक्षा में पढ़ता था ।

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रोहन की मां को यह एहसास हुआ कि आजकल की जिंदगी ऐसी हो गई है । हम लोग अपने बच्चों पर ध्यान ही नहीं दे पाते। रोहन की मां ने इस बात को गंभीरता से लिया और अपने पति, सास-ससुर सबको इकट्ठा किया और कहा- हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम रोहन को वह प्यार दे, जिससे कि वह कभी अकेला ना महसूस करें, इसलिए हम लोगों को अपने मोबाइल चलाने की इस आदत को कम करना पड़ेगा ।


घर में सभी लोगों ने इस बात को समझा और सभी ने अपने फोन चलाने का समय सीमित कर दिया और अपना बाकी वक्त रोहन को देने लगे । अब रोहन का अकेलापन दूर होने लगा था, उसे प्यार जो मिल रहा था ।

यह कहानी सिर्फ रोहन के परिवार की नहीं है । यह कहानी हम सभी की कहानी है, हम सभी के घरों में ऐसा होता है कि हम अपने मोबाइल में इतने बिजी रहते हैं कि खुद पर और अपने परिवार के लोगों पर जरा भी ध्यान नहीं दे पाते । इसलिए कोशिश करें कि मोबाइल का उपयोग उतना ही करें जितनी जरूरत है । मोबाइल जिंदगी की जरूरत हो सकता है लेकिन मोबाइल जिंदगी नहीं है । इसलिए अपने ज्यादा से ज्यादा वक्त अपने परिवार के साथ बिताए ।

उम्मीद करते है आपको हमारी Motivational Kahani in Hindi “मैं मोबाइल बनना चाहता हूंँ” पसन्द आयी होगी । आप हमें social media पर भी follow कर सकते हैं CRS SquadThink Yourself और Your Goal


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